यह भारत-नेपाल सीमा है साहब ! क्यों कर रहे हो इतनी सख्ती
यह भारत-नेपाल सीमा है साहब ! क्यों कर रहे हो इतनी सख्ती
– एसएसबी की कार्य प्रणाली पर उठाये जा रहे सवाल
आई एन न्यूज ब्यूरो सोनौली : भारत नेपाल की सीमा सोनौली पर तैनात एसएसबी की जांच से अब दोनों देशो के रिश्तों में खटास पड़ने लगी है। जांच भी ऐसी सख्त कि ऐसा प्रतीत होने लगा है यह भारत नेपाल सीमा नहीं बल्कि किसी दुश्मन राष्ट्र की सीमा हो।
एसएसबी द्वारा पिछले दो माह से जिस तरह नेपाल से आने वाले लोगो को चेकिंग के नाम पर अभद्रता किया जा रहा है और घंटो लाइन में खड़ा करवा दिया जा रहा उससे इस बात को इनकार नहीं किया जा सकता कि रोटी बेटी का सम्बन्ध में दरार पड़ना शुरू हो गया है।। चेक पोस्ट पर मैटल डिटेक्टर लगा तो है लेकिन वह महज दिखावा है। लोगो की माने तो डिटेक्टर यदि सही रहता तो शायद इतनी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता।
बताया जा रहा है की जांच के तरीके से लोग इतना परेशान है की भारतीय सीमा में रोज़मर्रा के सामानों को खरिदने बाज़ारो में आने से लोग कतरा रहे है। सबसे अधिक दोनों तरफ के उन व्यापारियो को दिक्कत आ रही है जो दिन में कइयों बार नेपाल से भारत और भारत से नेपाल में आना जाना रहता है। बताया जा रहा है की जब भी आप वहां से गुजरेंगे तो लाइन में होते हुए जांच कराकर ही अपने गंतव्य को जा सकते है। जबकि सोनौली सीमा नेपाल जाने का बड़ा मार्ग माना जाता है। नेपाल जाने वाले हजारो पर्यटक सोनौली सीमा का ही उपयोग करते है । और भारत के बड़े शहरो में जांने के लिए भी इसी मार्ग का अधिकाश इस्तेमाल होता है।
नेपाल भारत मैत्री समाज अध्यक्ष डाक्टर शांत कुमार शर्मा का कहना है की सुरक्षा के नाम पर इस तरह की जांच समझ से परे है। एसएसबी द्वारा की जा रही जांच से कहा जा सकता है की हरेसमेंट किया जा रहा है। इसकी शिकायत दूतावास के माध्यम से भारत सरकार से की जायेगी।
नेपाल भारत अवध मैत्री समाज भैरहवा अध्यक्ष अजय गुप्ता का कहना है की इस तरह के जाँच से दोनों देशो के रिश्तों में दरार आनी तय है। भारत नेपाल के रिश्ते रोटी बेटी के है। इसपर तत्काल रोक लगानी चाहिए। सुरक्षा के लिहाज से जांच होनी चाहिए लेकिन लोगो को दिक्कत में डाल कर नहीं।
सोनौली व्यापारी नेता विजय रौनियार का कहना है की एसएसबी द्वारा सोनौली सीमा पर की जा रही जांच में घण्टो लाइन में खड़े होने की डर से लोग बाज़ारो में आना कम हो गए है। कारोबार पूरी तरह ख़त्म होने की कगार पर है। इस तरह की जांच हमने पहली बार देखी है। जांच कम परेशान करना ज्यादा दिख रहा है।