24 घंटे में 4 हादसे: बाल-बाल बचे सैकड़ों यात्री, ट्रेन छोड़ एक किमी आगे निकला इंजन
24 घंटे में 4 हादसे: बाल-बाल बचे सैकड़ों यात्री, ट्रेन छोड़ एक किमी आगे निकला इंजन
– इंजन से अलग होने के बाद बाकी डिब्बे एक गांव में रुक
– ट्रेन रुकने से यात्रियों ने जमकर किया हंगामा
(विजय कुमार की रिपोर्ट)
आई एन न्यूज गोरखपुर डेेेस्क। भाजपा सरकार रेल सुधार के चाहे कितने भी कसीदे गढ़ ले व बुलट ट्रेन चलवाने का चाहे जितने सपने लोगों को दिखा कर वोट की अपनी राजनीति चमका ले, लेकिन सच्चाई यह है जर्जर हो चुकी रेल पटरियों पर रेल स्पीड की ट्रेन तक नहीं दौड़ पा रही। आये दिन हो रहे ट्रेन हादसे सरकार को आईना दिखा रहे।
वाराणसी जा रही शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन भदोही जिले के ज्ञानपुर स्टेशन के पास कपलिंग टूट जाने की वजह से बाकी हिस्से को छोड़कर करीब एक किलोमीटर आगे निकल गया।
स्टेशन मास्टर अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन शुक्रवार सुबह सवा दस बजे जंगीगंज रेलवे हाल्ट और ज्ञानपुर स्टेशन के बीच कपलिंग खुल जाने की वजह से ट्रेन को छोड़कर करीब एक किलोमीटर आगे निकल गया। उस वक्त ट्रेन ज्ञानपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली थी, इस वजह से उसकी गति कम थी। इंजन से अलग होने के बाद बाकी डिब्बे एक गांव में रुक गए। ट्रेन रुकने से यात्रियों ने जमकर हंगामा भी किया। वर्मा ने बताया कि सूचना मिलने पर पहुंची रेलवे की टीम ने इंजन को वापस लाकर पैंतालीस मिनट बाद कपलिंग जुड़वायी, फिर ट्रेन को ज्ञानपुर स्टेशन लाया जा सका। ग्यारह बजकर छह मिनट पर ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश, नयी दिल्ली और महाराष्ट्र में गुरुवार को नौ घंटे के भीतर ही तीन रेलगाड़ियां पटरी से उतर गईं और उत्तर प्रदेश में इसी तरह की एक घटना स्थानीय लोगों की सूझबूझ से टल गई। गौरतलब है कि हाल में हुई कई रेल दुर्घटनाओं के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे सुरेश प्रभु को रविवार को कैबिनेट फेरबदल में रेल मंत्रालय से हटाकर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी। राष्ट्रीय राजधानी में हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया जबकि अन्य घटनाओं में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
पहली दुर्घटना गुरुवार सुबह 6:25 बजे उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुई जब जबलपुर जा रही शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे ओबरा पुल के पास पटरी से उतर गए। राज्य में एक ही माह में हुई इस तीसरी दुर्घटना में हालांकि कोई जख्मी नहीं हुआ। इसके कुछ घंटों के भीतर ही करीब पौने बारह बजे रांची-दिल्ली राजधानी के इंजन और पावर कार मिंटो पुल के निकट पटरी से उतर गए, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। इसके बाद अपराह्न 3:55 बजे महाराष्ट्र के खंडाला में एक मालगाड़ी के छह डिब्बे पटरी से उतर गये। इसी बीच अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद और फतेहगढ़ के पास स्थानीय लोगों को टूटी हुई पटरी दिखी, जहां से कुछ मिनट बाद ही कालिंदी एक्सप्रेस को गुजरना था। रेल मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार को हुए हादसे में रेलगाड़ियां स्टेशन पर पहुंचने ही वाली थीं और उनकी रफ्तार काफी धीमी थी, इस वजह से कोई बड़ी क्षति नहीं हुई।
इस बीच कल्याण-लोनावाला खंड पर मालगाड़ी के डिब्बों के पटरी से उतरने के बाद कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। मध्य रेलवे की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज र्टिमनल (सीएसएमटी) से पुणे जाने वाली दो रेलगाड़ियों प्रगति एक्सप्रेस और डेक्कन क्वीन, सीएसएमटी से कोल्हापुर जाने वाली सह्याद्री एक्सप्रेस और अप एवं डाउन महालक्ष्मी एक्सप्रेस (सीएसएमटी-कोल्हापुर) को रद्द कर दिया गया। इससे पहले 20 अगस्त को कलिंग उत्कल पुरी हरिद्वार एक्सप्रेस के 14 डिब्बे उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पटरी से उतर गए थे, जिसमें कम-से-कम 23 लोगों की मौत हो गयी थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। इसके तीन दिन बाद दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस के नौ डिब्बे उत्तर प्रदेश के औरैया में पटरी से उतर गए, जिसमें कम-से-कम 100 यात्री घायल हो गए। ट्रेन के डंपर से टकराने के कारण यह दुर्घटना हुई थी।