नौनिहालों के पढ़ने वाली किताबों को आतिशबाजों को बेंच रहें हैं
नौनिहालों के पढ़ने वाली किताबों को आतिशबाजों को बेंच रहें हैं
ग्रामीणों ने पकड़ा शिक्षा विभाग की किताबें
बेसिक शिक्षा मंत्री के गृह जिले में ही बेसिक शिक्षा विभाग बेपटरी कर रहें हैं जिम्मेदार
बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों द्वारा सरकार की योजनाओं का खुले आम मजाक बनाया जा रहा है।
बहराइच।एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के जरिये देश के बच्चों को पढ़ा लिखाकर शिक्षित करने का ख्वाब दिन-रात बुन रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले बहराइच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल के जिले में ही बेसिक शिक्षा विभाग के तमाम जिम्मेदारों द्वारा सरकार की योजनाओं का खुले आम पलीता लगाया जा रहा है।
ताजा उदाहरण जिला बहराइच में सरकार के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी का फर्ज किस तरह अदा कर रहे हैं।
बहराइच जिले में पिछले कई सालों से एक ही जिले में कुंडली जमाकर बैठे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ अमरकांत सिंह के जिम्मेदारी वाले महकमें बेसिक शिक्षा विभाग में ही खुलेआम सरकार के सपनों को तार-तार किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पर नजर गड़ाने के बजाय उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल जी को खुश करने के लिये उनके आगे-पीछे अक्सर दौड़ लगाते देखे जा रहे हैं। ये तस्वीर सरकार के उस भ्रम को तोड़ने के लिये अपने आप में स्वयं में काफी है कि हमारे भारत का भविष्य तैयार करने वाली अनमोल सरकारी किताबें बच्चों के हाथों में पहुंचने के बजाय दीवाली का पटाखा और बम बनाने के लिये कबाड़ के भाव बेंची जा रही है।
ग्रामीणों ने पकड़ा आतिशबाजी बनने जा रही सरकारी किताबों का जखीरा
उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल के गृह जनपद वाले जिले बहराइच के विकासखण्ड हुजूरपुर इलाके में स्थित ब्लाक संसाधन केंद्र बसन्तपुर में डंप बच्चों की लाखों रुपये की कीमत वाली सरकारी किताबें नन्हें मुन्हे बच्चों के हाथों में पहुँचने के बजाय, किस्तों में कबाड़ी के हाथों ठिकाने लगाने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है, इलाके लोगों का कहना है कि अब तक कई लाख की किताबें इसी तरह किस्तों में फुटकर तरीके से कबाड़ी के हाथों कूड़े के भाव ब्लाक संसाधन केंद्र पर तैनात जिम्मेदारों द्वारा कई बार बेंचा जा चुका है।
इस नाफरमानी के खेल में कहीं न कहीं जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ अमरकांत सिंह व उनके सहयोगी मातहत अधिकारीयों व कर्मचारियों की घोर हीला हवाली की संक्षिप्तता जरूर मानी जा रही है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। हुजूरपुर इलाके के रहने वाले लोगों ने ब्लाक संसाधन केंद्र से कबाड़ के भाव ले जा रहे सरकारी किताबों के गट्ठर के साथ एक स्थानीय कबाड़ी को रंगेहांथ दबोच लिया, इस दौरान पूरे खेल का राज सबके सामने आ गया। मोटर साइकिल पर बड़ी तादात में लादे सरकारी किताबों के गट्ठर समेत ग्रामीणों के हत्थे लगे कबाड़ी ने साफ़ तौर पर बताया की वो इस तरह किताबों को कई बार ब्लॉक संसाधन केंद्र से ले जा चुका है। जिसका इस्तेमाल आस पास के इलाकों में तैयार किये जा रहे दीवाली के पटाखों व आतिशबाजी के सामनों को बनाने में धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है, यही नहीं परचून की दुकानों पर सामानों को पैक करने व लिफाफा बनाने में ज्यादातर इन्हीं सरकारी किताबों का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है।
ये तस्वीर साफ गवाही दे रही है की सरकार लाख जतन कर ले, लेकिन जब जिम्मेदार ही व्यवस्था की बखिया उधेड़ने में जुटे हुए हों तो भला कैसे बढ़ेगा इण्डिया, और कैसे पढ़ेगा इण्डिया देखें तस्वीर बुलन्द भारत की बदहाल तस्वीर।
ज़की आलम सिद्दीकी
इंडो नेपाल न्यूज़ बहराइच