निकाय चुनाव:शुरु हो गयी लैला और जूली की थिरकन
निकाय चुनाव:शुरु हो गयी लैला और जूली की थिरकन
संवाददाता-धर्मेंद्र चौधरी
आई एन न्यूज नौतनवा::सीमावर्ती क्षेत्र में कोई भी चुनाव हो, तमाम बंदिशों के बाद भी लैला व जूली की थिरकन शुरु हो ही जाती। “लैला” भारतीय देशी शराब की एक ब्रांड का नाम है, तो “जूली” नेपाली ब्रांड का नाम। जिसके सेवन के असर से शाम ढ़लने के बाद से सोनौली व नौतनवा के कई गलियों में इक्का दुक्का लोग लड़खड़ाते व झूमते व किसी प्रत्याशी का नाम लेकर जिंदाबाद- जितेगा भाई जितेगा जैसे प्रचलित नारे लगाते नज़र आने लगे हैं। मतलब की लैला व जूली के थिरकन का आगाज हो गया है।
तमाम प्रशासनिक दावों को धता बता अब मतदाताओं को लुभाने के लिये शराब परोसने जैसी कुप्रथा अब नासूर सी ही दिख रही है।
सोनौली व नौतनवा २९ नवंबर को मतदान होने हैं। नगर अध्यक्ष व वार्ड़ सदस्यों के प्रत्याशी अपने प्रचार में जोर लगाएं हैं। कई जगह प्रत्याशियों के सौजन्य से पीने पिलाने का सिलसिला शुरु किये जाने की ख़बरें आ रही हैं। लैला व जूली के दाम सस्ते होने के कारण इसकी अधिक मांग है। प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती यह है कि लैला व जूली की यह थिरकन “कबीला नृत्य” में न तब्दील हो जाय। जहां “होनूलूलू” “हईयाधंम्मा”,,, जैसे कर्कश स्वर उत्पन्न हो, फिर दो कबीले आमने-सामने आ जाये। या फिर लैला या जूली का जहरीला स्पर्श न हो जाए।
मतदाता सावधान रहें, लैला, जूली या अन्य प्रलोभन में न आये। क्योंकि जान है तो जहान है। निष्पक्ष मतदान करें। लैला व जूली जैसी बलाओं के थिरकन से दूर रहें।