सोनौली अध्यक्ष पद निर्दल प्रत्याशी प्रतिनिधि सुधीर त्रिपाठी से पत्रकार विजय चौरसिया की विशेष बातचीत
सोनौली अध्यक्ष पद निर्दल प्रत्याशी प्रतिनिधि सुधीर त्रिपाठी से पत्रकार विजय चौरसिया की विशेष बातचीत
इंडोनेपाल न्यूज के निकाय चुनावी कार्यक्रम ” चंद घंटे प्रत्याशी के साथ ” में विशेष संवाददाता विजय चौरसिया ने सोनौली से निर्दल महिला प्रत्याशी कामना त्रिपाठी के प्रतिनिधि सुधीर त्रिपाठी से मुलाकात की। उनकी चुनावी मूवमेंट व मतदाताओं के रिझाने के तौर तरीके देखे। फिर रुबरु हुए कुछ़ सवालों के साथ। सुधीर त्रिपाठी ने सवालों पर अपने जवाब बेबाकियत के साथ रखे,,पेश है सवाल जवाब के प्रमुख अंश——-
सवाल- निकाय चुनाव में दावेदारी क्यों है?
जवाब– मैं करीब दो दशकों से सोनौली व आसपास की राजनीति में मजबूती से सक्रिय रहा हूं। सोनौली का विकास हमेशा से मेरा लक्ष्य रहा है। इसी विकास को पूरा करने के क्रम में मैने निकाय चुनाव में दावेदारी की है।
सवाल- आप कहते हैं कि सोनौली के नगरपंचायत होने में आपका एक बड़ा प्रयास रहा है, कैसे ?
जवाब- जब मैं सपा का एक जिलास्तरीय सक्रिय पदाधिकारी था। तभी से मेरा ध्यान सोनौली को नगरपंचायत बनाने की तरफ केंद्रित रहा। मैंने काफी प्रयास के बाद सपा के आलाकमानों का ध्यान सोनौली की तरफ आकृष्ट कराया। अंतत: सफलता मिली।
सवाल- लेकिन विपक्षी तो कहते हैं, कि सपा ने कराया, आपने कुछ़ नहीं किया?
जवाब– जरुर सपा सरकार ने कराया, लेकिन इसमें मेरा प्रयास भी रहा। मैं पूछ़ना चाहता हूं उन विपक्षियों से जो सपा में बड़ी पहुंच व नेता होने का दावा करते हैं, लक्ष्मीपुर को नगरपंचायत क्यों नहीं बना पाये। जो मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, उनतथाकथित नेताओं ने सोनौली के लिये क्या किया है?
सवाल- सपा से अलग क्यों हुए?
जवाब- यहां के कुछ़ नेता विकासपरक नीति के बजाए पार्टी पकड़ो नीति पर अधिक केंद्रित रहते हैं। जिसके लिये वह कुछ़ भी कर सकते हैं। जब ऐसे स्वार्थपरक नेताओं को सपा ने तबज्जो देना शुरु किया, तो सपा छ़ोडना पड़ा। जिसका परिणाम यह रहा कि विधान सभा चुनाव में सपा की करारी हार हुई।
सवाल- क्या लगता है, चुनाव जीतेंगे?
जवाब- मैने हमेशा विकासपरक राजनीति पर भरोसा किया है। सोनौली के लोग जानते हैं कि क्षेत्र के विकास के लिये कौन वर्षों से दिन-रात एक किये हुए है। मैं अपने कर्मों के आधार पर निर्दल ही चुनावी मैदान में हूं। जनता जो फैसला देगी, सहर्ष स्वीकार होगा।