भारत को विश्वगुरू बनाना है तो शिक्षण संस्थाओं को महत्वपूर्ण योगदान देना होगा – मुख्यमंत्री

भारत को विश्वगुरू बनाना है तो शिक्षण संस्थाओं को महत्वपूर्ण योगदान देना होगा - मुख्यमंत्री

भारत को विश्वगुरू बनाना है तो शिक्षण संस्थाओं को महत्वपूर्ण योगदान देना होगा - मुख्यमंत्री

भारत को विश्वगुरू बनाना है तो शिक्षण संस्थाओं को महत्वपूर्ण योगदान देना होगा – मुख्यमंत्री
(ज़फर खान/गोविन्द कुशवाहा)
आई एन न्यूज़ ब्यूरो गोरखपुर: शिक्षक-अभिभावक को कुशलयोजक बनाना होगा तभी छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय एंव अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। भारत को यदि पुनः विश्वगुरू बनाना है तो शिक्षण संस्थाओं को इसमें महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।

भारत को विश्वगुरू बनाना है तो शिक्षण संस्थाओं को महत्वपूर्ण योगदान देना होगा - मुख्यमंत्री
उक्त बाते आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं को एक सप्ताह तक चले प्रतियोगिताओं में विजयी संस्था एंव छात्र-छात्रा पुरस्कार समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा । तथा उन्होंने ब्रह्मलीन पूज्य योगी गुरू गोरखनाथ स्वर्ण पदक महराजगंज जिले के चौक स्थित दिग्विजयनाथ इंटर कालेज को दिया।
विधालय के प्रधानाचार्य डा. हरेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री से प्रशस्तिपत्र प्राप्त किया।
दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विजयी प्रतिभागी को बधाई । परन्तु जो इस प्रतियोगिता में पिछड़ गये है उन्हें दुगुने उत्साह से प्रयास करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना किया गया था जो आज 44 शिक्षण एंव प्रशिक्षण संस्थाएं संचालित कर रहा है। यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को राष्ट्रभक्ति के साथ साथ कला, विज्ञान, वाणिज्य, मेडिकल, तकनीकी शिक्षा प्रदान की जाती है। पूर्वान्चल ही नही वरन् पूरे प्रदेश में इस संस्था का विशेष महत्व है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को आहवान किया कि वे संकल्प लेकर अपना शिक्षण कार्य पूरा करें तथा समाज एंव देश की सेवा करें।
उन्होने कहा कि जीवन में कुछ भी प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और अनुशासन की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश है इसलिए इसकी चुनौतियां भी बड़ी हैं। राष्ट्रीय एंव स्तर पर प्रदर्शन के लिए छात्र-छात्राएं खुद को तैयार करें। समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डा0 सत्यपाल सिंह ने कहा कि छात्र-छात्राओं को समग्र विकास के लिए अपने वस्त्र एंव स्वास्थ्य ठीक रखना होगा। वाणी शालीन होनी चाहिए। शिक्षा के किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करें तथा कभी अभिमान न करें, हमेशा विनयशील रहें।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्य त्याग दिया, स्वाभिमानी का जीवन जिया तथा आने वाली पीढ़ी को बलिदान का पाठ पढ़ाया। छात्र-छात्राओं को इस प्रकार के संस्कार की आवश्यकता है। मां बाप से बढ़कर कोई देवी देवता नही है। इस अवसर पर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एंव मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने मुख्य अतिथि डा0 सत्यपाल सिंह, परिषद के 101 वर्ष के सदस्य प्यारे मोहन सरकार को शाल उढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्हांेने श्रीमती अलका सिंह पत्नी डा0 सत्यपाल सिंह को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने दो पुस्तक भारतीय राष्ट्रीय एंव संत परम्परा तथा श्री गोरक्ष पीठ योग और शिक्षा का विमोचन किया। पुरस्कार समारोह में ब्रहमलीन पूज्य गंभीरनाथ स्वर्ण पदक दिग्विजयनाथ महा विद्यालय के डा0 राजशरण शाही, ब्रहमलीन पूज्य दिग्विजयनाथ स्वर्ण पदक एम.एड. की छात्रा ज्योति सिंह, ब्रहमलीन पूज्य योगी अवैधनाथ स्वर्ण पदक पुरस्कार राहुल गिरि सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं के लगभग 650 प्रतिभागियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो0 वी.के. सिंह, अयोध्या से आये महन्त सुरेश दास, पूर्व कुलपति डा0 यू.पी. सिंह, प्रो0 शिवाजी सिंह, धर्मेन्द्रनाथ वर्मा, विधायक गण डा0 राधामोहन दास अग्रवाल, महेन्द्र पाल सिंह, शीतल पाण्डेय, फतेहबहादुर सिंह, महापौर सीता राम जायसवाल सहित जन प्रतिनिधि, प्रधानाचार्य गण, विद्वतजन, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री भगवान सिंह ने किया। इस अवसर पर महाराणा प्रताप कन्या इंटर कालेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, कुलगीत, छात्र डा0 अरविन्द चतुर्वेदी ने दिग्विजयनाथ स्त्रोत तथा प्रांगेश मिश्रा ने पूज्य अवैद्यनाथ स्त्रोत प्रस्तुत किया।

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