२०१९ चुनाव में “मणि खेमा” खुलकर करेगा भाजपा का प्रसार ?
२०१९ चुनाव में “मणि खेमा” खुलकर करेगा भाजपा का प्रसार ?
आईएनन्यूज नौतनवा से धर्मेंद्र चौधरी की रिपोर्ट:
नौतनवा विधायक अमनमणि त्रिपाठी का दिन प्रतिदिन भाजपा के बड़े नेताओं के करीब जाना नौतनवा क्षेत्र की एक नई सियासी करवट़ को जन्म दे रही है। यह करवट़ महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी के लिये “बल्ले-बल्ले” जैसी पस्थितियों की तरफ़ इशारा कर रही है।
२०१९ में लोक सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में निर्दल विधान अमनमणि त्रिपाठी का भाजपा की तरफ झुकाव, भाजपा की लोक सभा चुनाव स्तरीय राजनीति के लिये खुशख़बरी हो सकती हैं। लेकिन यह सियासी करवट़ विधान सभा स्तरीय राजनीति में घमासान मचाने वाला हो सकता है। घमासान दिखने भी लगा है। शनिवार को फरेंदा में नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के कार्यक्रम में “मणि खेमे” के सक्रिय लोगों के पहुंचने के बाद जिस तरह की “नौटंकी” हुई, उसमें राजनैतिक रहस्य व द्वंदता मिश्रण समावेशित रहा। शोसल मीड़िया पर तो यहां तक हल्ला मच गया कि “मणि खेमे” के कुछ़ कार्यकर्ता पीट़ दिये गये। मगर इस हल्ले कि पुष्ट़ि नहीं हो पायी। इतना तो जरुर है “धुआं” उठ़ा है, तो आग कहीं न कहीं जरुर लगी है।
एक और नज़रिये से देखा जाय तो “आग” नौतनवा विधान सभा क्षेत्र के सक्रिय भाजपा नेताओं के जेहन में भी लगती प्रतीत होती है। उनके क्षेत्र का सियासी धुर विरोधी उन्के ही अपने मंत्री या आलाकमान से नज़दीकियां बढ़ा रहा है, तो विरोध तो बनता ही है । मगर यहां विरोध करने या नज़दीकियत बढ़ाने में एक ही बात सामने आ रही है कि सभी अपने “स्वार्थ” और “गोटी-फिट़” के इर्द-गिर्द ही हैं। जिसका “राजनैतिक लाभ” लेने में भाजपा भी कहीं से चूकती नज़र नहीं आ रही है। कम से कम २०१९ तक!
सवाल यह उठ़ रहा है कि क्या २०१९ के चुनाव में “मणि खेमा” खुलकर भाजपा का प्रचार या समर्थन करेगा? अब तक का प्रयास तो यही दर्शा रहा है, और यह “मणि खेमे” की राजनैतिक मज़बूरी भी है।
ऐसी स्थितियों में नौतनवा क्षेत्र के भाजपाई खेमें में बगावत हो सकती है। जिसकी बानगी हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में देखने को मिली।
कुल मिलाकर यह नौतनवा के परिपेक्ष में भाजपा की राजनीति का “रियल टेस्ट” और “मणि खेमें” के सियासी सूझबूझ का “परिचय” है।
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मगर सवाल तो यह बन ही रहा है कि क्या ” २०१९ में मणि खेमा खुलकर करेगा भाजपा का प्रचार?