भारतीय रिश्तेदारों की बाट़ जोह रही नेपाल में पड़ी एक युवक की लाश
भारतीय रिश्तेदारों की बाट़ जोह रही नेपाल में पड़ी एक युवक की लाश
आईएनन्यूज, नौतनवा से धर्मेंद्र चौधरी की रिपोर्ट:
नियति के रंग व खेल भी अजीब होते हैं। जीते वक्त इंतजार की बात सामान्य बात है। मगर मौत के बाद अपनों का इंतजार कभी कभार ही ऐसे वाकये सामने आते हैं। नौतनवा के बनैलिया मंदिर चौराहे के पास पले बढ़े २५ वर्षीय सुजीत जायसवाल की कहानी काफी मार्मिक व दिल दहला देने वाली है। पिता का साया बचपन में जुदा हो चला, तो उसकी मां , छ़ोटी बहन व रिश्तेदार ही उसके सबकुछ़ थे। आर्थिक स्थिति कमजोर हुई तो वह अपनी मां-बहन के साथ अपने ननिहाल नेपाल चला गया। रुपंदेही जिला के वार्ड नंबर चार के दोगहरा गांव में रहा। जब वहां भी आर्थिक तंगी सामने आयी। तो मां और बेटे कमाई के लिये अपने पांव बाहर निकाल दिये। मां अरब देश चली गयी, और सुजीत नेपाल की राजधानी काठमांडू में काम करने लगा उनके दिन बहुरने लगे। बहन की शादी धूमधाम से की। अब सुजीत को अपने जीवन के सुहाने सपनों को पंख लगाने में जुट गया।
मगर यहां नियति का खेल उलट था। रविवार की रात करीब ग्यारह बजे सुजीत काठमांडू अपने कमरे में रहस्यमस परिस्थितियों में जला और मृत पाया गया। नेपाली पुलिस का कहना है कि आगलगी की वजह सार्ट सर्किट़ है। पुलिस ने पूरे वाकए की सूचना सउदिया में काम कर रही उसके मां को दी। मां पर दु:खों का पहाड़ आ गिरा है। समस्या यह कि वह अपने जिगर के टुकड़े की लाश देखने व उसका अंतिम संस्कार करने तत्काल नहीं आ सकती। लिखा पढ़ी व सउदिया से नेपाल आने का कागजी कोरम पूरा करने में करीब एक सप्ताह का समय बताया जा रहा है।
वाकये की सूचना के फोन नौतनवा रह रहे सुजीत के परिचितों और महराजगंज जिले के धानी में रह रहे उसके चाचा लक्ष्मन जायसवाल के पास भी घनघनाएं हैं। मगर कोई सुजीत की लाश लाने या फिर उसका अंतिम संस्कार करने को काठमांडू जाने का रुख नहीं कर पा रहा है। पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर परिजनों की इंतजार कर रही है।
,,खेल देखिये नियति का-
मौत के बाद,
मां सउदिया में परेशान, परिजन कन्नी काट रहे। ,,और सुजीत की लाश अपने भारतीय रिश्तेदारों की बाट़ जोह रही है।