टॉर्च की राेशनी में अॉपरेशन मामलाःयाेगी सरकार का सख्त एक्शन, अाैरैया के ACMO काे किया निलंबित
आई एन न्यूज ब्यूरो उन्नावः उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक एनजीआे द्वारा लगाए गए आंखाें के निःशुल्क आपरेशन कैम्प में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस कैम्प में डॉक्टराें द्वारा मरीजाें की आंखाें का आपरेशन अंधेरे में टॉर्च जलाकर किया गया है। मामले की खबर जैसे ही मीडिया में प्रकाशित हुई हड़कंप मच गया। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक्शन लेते हुए सीएमओ राजेंद्र प्रसाद को हटा दिया है। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी देवेश दास को भी निलंबित कर दिया गया है।
वहीं प्रशासन ने मामले में गंभीर लापरवाही मानते हुए सीडीओ को जांच कर 3 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिया थे। इस जांच में पूरे मामले के दौरान सीएमओ उन्नाव की भूमिका की भी पड़ताल की भी बात कही गई थी। जांच में आैरैया के एसीएमआे डॉ. के.के. श्रीवास्तव काे दाेषी पाया गया है। उन्हें इस लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। जांच में ये भी पता चला है कि के.के. श्रीवास्तव ने अपना नाम नूतन सक्सेना बताया है।
दरअसल नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एनजीओ ने मेडिकल कैम्प का आयोजन किया था, इस कैम्प में मरीजो की आंखों का निःशुल्क ऑपरेशन किया जाना था। एनजीओ ने इस ऑपरेशन के लिए अपने डॉक्टर तो बुला लिए, लेकिन बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की।
ऐसे में जब बिजली गुल हुई तब अंधेरे में टॉर्च जला कर डॉ. नूतन सक्सेना ने मरीजों की आंखों के ऑपरेशन कर डाले। 35 मरीजों की आंखों के जैसे तैसे टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन किए गए। हद तो तब हो गई जब दिसंबर की इस कड़ाके की ठंड में मरीजों को जमीन पर लिटाया गया, जिससे आंखो में इन्फेक्शन की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ सकती हैं। इसके अलावा मरीजों के खाने का भी ठीक से इंतजाम नहीं किया गया था।
वहीं बात खुलने पर पता चला है कि पहले भी जय अम्बा सेवा समिति को 2007 में सरकार ने एक ऐसे ही मामले मे ब्लैक लिस्ट करार दिया था।