महराजगंज:कुरहवा में युवक की मौत के मामले में एसएसबी की कार्यप्रणाली पर उठ़े सवाल ?

महराजगंज:कुरहवा में युवक की मौत के मामले में एसएसबी की कार्यप्रणाली पर उठ़े सवाल ?

महराजगंज:कुरहवा में युवक की मौत के मामले में एसएसबी की कार्यप्रणाली पर उठ़े सवाल ?

 

 

कुरहवा में युवक की मौत के मामले में एसएसबी की कार्यप्रणाली पर उठ़े सवाल ?

धर्मेंद्र चौधरी की एक विशेष रिपोर्ट

इंडो नेपाल न्यूज ब्यूरो नौतनवा:: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के नौतनवा थाना क्षेत्र के कुरहवा गांव में रविवार की शाम जो कुछ़ भी हुआ वह कई मायनों में दु:खद व गंभीर रहा। एसएसबी व ग्रामीणों में विवाद,फायरिंग,एक आम नागरिक की मौत होना व तीन एसएसबी जवानों का घायल होना।,,शर्मनाक घटना रही। और उससे भी शर्मनाक बात रही विवाद के कारण जो ,,कि दोनों पक्ष अलग-अलग बता रहे हैं।
मृतक युवक व ग्रामीणों का आरोप है कि एसएसबी जवान गांव की युवतियों छ़ेड़खानी कर रहे थे, जिस पर विवाद हुआ।
वहीं दूसरी तरफ एसएसबी का आरोप है कि शराब तस्करी को रोकने पर विवाद हुआ।
क्या सही है, क्या गलत? यह तो जांच का विषय है।
मगर इस वाकये ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं?
सबसे बड़ा सवाल एसएसबी की कार्यप्रणाली पर है। पुलिस ने मामले में एसएसबी जवानों पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।,, ,ऐसी नौबत क्यों आयी?
एसएसबी की तरफ से जो वज़ह बतायी गयी है। वह ज़मीनी स्तर पर हल्की, खोख़ली व दामन बचाऊ सी प्रतीत हो रही है कि शराब तस्करी को रोका तो तस्कर उनसे भिड़ गये, सेल्फ डिफेंस में गोली मार दी,,,। ,,
विडंबना भी कितनी हास्यास्पद है,,,मात्र हजार रुपये के राजस्व चोरी को रोकने के लिये एसएसबी इतनी संजीदा है कि गोली तक चला सकती है। ,,इस घटना से आबकारी विभाग को चाहिये कि एसएसबी को शाबासी दे,, कि एसएसबी आबकारी विभाग का रोल अदा कर रही है। यह बातें अब लोग पूछ़ रहे हैं कि भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी, जिसका कि मूल कार्य सीमावर्ती क्षेत्र में “सेवा” “सुरक्षा ” व “बंधुत्व” का बोध कराना है, वह दिगर क्यों होती जा रही है।
जनता अब एसएसबी से भय खा रही है। यह निश्चित ही सशस्त्र सीमा बल की जनविश्वसनीयता के लिये एक बड़ा सवाल है।
कुरहवां की घटना इकलौती नहीं है कि ग्रामीण व एसएसबी आमने-सामने आये हैं। सभी घटनाओं में एसएसबी का इकलौता रट़ा रटाया राग कि तस्कर थे। ,,
क्या भारत-नेपाल सीमा पर ऐसे खतरनाक तस्कर हैं जो एसएसबी जवानों से भिड़ जाने की कुव्वत रखते हैं। अगर हां तो पुलिस के पास ऐसे तस्करों का नाम लिस्ट क्यों नहीं है? इसका मतलब पुलिस लापरवाह है, तभी तो एसएसबी को पुलिसिंग करनी पड़ रही है। जिसका परिणाम है ऐसे शर्मनाक व निंदनीय वाकये।,,
एसएसबी एक जिम्मेदार विभाग है, ऐसे में उसकी भी जवाबदेही बनती है।
एक परिवार उज़ड़ गया, दो मासूम बच्चे अनाथ हो गये और एक सुहागन विधवा हो गयी,,। मानवीय दृष्टिकोण से काफी दुखद घटना रही।
जरुरत है कि कुरहवां में हुई घटना की निष्पक्ष जांच की! साथ ही एसएसबी को अपने कार्यप्रणाली में बदलाव की।

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