नेपाल के नारायणी नदी में अवैध खनन से सीमावर्ती गांवो के अस्तित्व पर संकट
आई एन न्यूज ब्यूरो महराजगंज:भारत सीमा से सटे नेपाल के नारायणी नदी में हो रहे अवैध खनन से तराई के 13 सीमायी गांवो पर अस्तित्व का संकट गहरा गया है। इनमें महराजगंज जिले के आधा दर्जन वे गांव भी है जो नेपाल सीमा पर नारायणी नदी के बेहद करीब है। बरसात में इन गांवो के टापू बन जाने का खतरा है।
नेपाल के नवलपरासी जिले के कुड़िया, नर्सही व पकलियहवा स्थित नारायणी नदी से अवैध रूप से की जा रही खनन को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन की शह पर अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है जिसमे खनन माफ़िया बीचौलीयों के माध्यम से अवैध वसूली कर इस काम को बेख़ौफ़ बदस्तूर जारी किए हुए है। जिस कारण नदी का तटवर्ती क्षेत्र ख़तरे में पड़ता दिख रहा है जो बरसात में तबाही का सबब बन सकता है। इसे लेकर तटवर्ती गांवो के ग्रामीण दहशत में हैं।
एक तरफ जहां शासन प्रशासन नदी, घाटों व पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध खनन को लेकर तमाम दिशानिर्देश जारी किए हुए है वहीं नवलपरासी जनपद के नारायणी नदी से खनन माफिया अवैध रूप से बालू, गिट्टी आदि का खनन कर प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। गण्डक नदी नियंत्रण संघर्ष समिति नवलपरासी के कार्यवाहक अध्यक्ष कृष्णबहादुर थापा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन की शह पर खनन माफिया अवैध खनन को बेखौफ अंजाम दे रहे हैं। इस अवैध खनन के कारण नारायणी नदी तट पर बसे नवलपरासी जनपद के पकलियहवा, नर्सही, गुथी परसौनी, गुठी सूर्यपुरा, त्रिवेणी सुस्ता, रुपौलिया, बैदौली, खैरटवा, सोमनी, भुजहवा सहित महराजगंज जिले कुल 13 गांवों का अस्तित्व संकट में पड़ता दिख रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन से उनकी उपजाऊ खेती नष्ट हो रही है वहीं खेती का भू-भाग खनन से प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि सप्ताह भीतर इस पर रोक नही लगाया गया तो ग्रामीण जिला मुख्यालय कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे