महराजगंज:यहां शौचालय ही नहीं शव दाह गृह निर्माण में भी होती है दलाली
महराजगंज:यहां शौचालय ही नहीं शव दाह गृह निर्माण में भी होती है दलाली
सुनील यादव/धर्मेंद्र चौधरी की एक विशेष रिपोर्ट
आई एन न्यूज ब्यूरो महराजगंज:कहावत है कि सच कड़वा होता है। इंडो-नेपाल न्यूज वेबपोर्टल अपने संवैधानिक दायरे को ध्यान में रखते हुए महराजगंज जिले के कुछ़ धांधलियों की तस्वीर को उजागर करने का प्रयास कर रहा है,,तो कुछ़ नौकरशाह तिलमिला से गये हैं। फोन फान कर टटोल रहे हैं कि ,,या यूं कहे कि दबाव का प्रयास कर रहे हैं कि ,,चुप रहो भईया!
,,शायद ये साहब लोग, इतना पढ़ लिखकर भी भूल गये कि भारत लोकतंत्र है, यहां अभिव्यक्ति की आज़ादी जैसी भी चीज़ है। ,,खैर इस मुद्दे पर लेक्च़र व बहस तो बाद में हो सकती है।,,पोर्टल से लगाये कोर्ट तक,,
फिलहाल इंडो-नेपाल न्यूज वेबपोर्टल महराजगंज जिले के हर उस परियोजना व सरकारी योजना की ज़मीनी पड़ताल की मुहिम पर है, जनशिकायतों व विभागीय आंकड़ों के इर्द-गिर्द अपनी रिपोर्ट एकत्र कर रहा है।
शौचालय निर्माण में लाख़ों का गोलमाल है। जिसकी जांच चल रही है।
अब एक और घोटाले की तस्वीर सामने आ रही है। घोट़ाला भी संवेदनशील है। शवदाह गृहों के निर्माण में गोलमाल व दलाली का। ,,हद है ,,शौचालय व शवदाह गृहों के नाम पर भी दलाली लेने वाले मनोवृत के लोग भी हमारे तंत्र के जिम्मेदार पदों पर हैं?
भोली -भाली, दबी-कुचली जनता के नेता चुप भी हैं? ,,किसकी गलती है?
दलाली की पराकाष्ठ़ा तो नहीं?
क्यां यहां भी मुंबई स्टाकएक्चेंज़ मोहल्ले की तरह दलाल पथ की जरुरत आन पड़ी है। बस स्वरुप थोड़ा सफेद से काले पर्दे ओढ़े हुए हो?
क्या यही न्यू और डिजीटल इंडिया है?
,,,,रिपोर्टिंग जारी रहेगी,,अगली रिपोर्टिंग शवदाह गृहों के आंकड़ो से साथ होगी।,,कागजों का लंबा पुलिंदा है,,कैल्क्युलेटर लेना पड़ेगा।
,,,फिलहाल यह तो ख़बर का इंट़्रो यानि की प्रस्तावना थी।,, अन्यथा न ले,,हम तो अपने हिस्से की इमानदारी बयां करने में जुटे हैं,,,और ,,”आप”?