बसपा के वाक आउट़ से कुछ़ ऐसी बनी गोरखपुर उप-चुनाव की तस्वीर
बसपा के वाक आउट़ से कुछ़ ऐसी बनी गोरखपुर उप-चुनाव की तस्वीर
संवाददाता-धर्मेंद्र चौधरी की एक रिपोर्ट
आई एन न्यूज गोरखपुर:११ मार्च को गोरखपुर संसदीय उप-चुनाव के लिए प्रमुख राजनैतिक दलों ने अपना रुख़ स्पष्ट़ कर दिया है। भाजपा, कांग्रेस व सपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर नामांकन करने का सिलसिला भी शुरु कर दिया हैं। वहीं इस उप-चुनाव को बसपा ने छ़ोड़ दिया है, और अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है।
भाजपा से उपेंद्र शुक्ला, कांग्रेस से सुरहिता करीम और सपा से प्रवीण कुमार निषाद इस उप-चुनाव के प्रमुख प्रतिद्वंदी चेहरे हैं।
अब, गुणागणित व वोट़बैंक के समीकरणों पर नज़र ड़ालें तो तीनों चेहरे जातिगत वोट़बैंकों के सहारे ही प्रतीत हो रहे हैं। भाजपा ब्राह्मण कार्ड़ खेल कर सवर्ण मतदाता को अपनी ओर खींचने की जुगत में है। तो सपा व कांग्रेस पिछ़ड़ी, अनुसूचित व अल्पसंख्यक मतदाताओं पर आस लगाये बैठ़े हैं।
बसपा के वाक आउट़ ने कांग्रेस व सपा को कुछ़ राहत तो दी है। मगर बसपा का कथित वोट़ बैंक किसके पाले में जायेगा, यह कोई स्पष्ट़ नहीं कर पा रहा है।
यह उप-चुनाव भाजपा को कई नज़रियों से मजबूत तो बना रहा है। मगर परिस्थितियों मात्र के अनुकूल होने से आश्वस्त हो जाना भाजपा के लिये भूल साबित हो सकती हैं। क्योंकि चेहरा योगी नहीं कोई और है।
कुछ़ राजनैतिक जानकार इस पर भी निगाह लगाये हुए हैं कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इस चुनावी कैंपेन में कितना जोर लगायेंगे।
२०१९ लोक सभा चुनाव की पटकथा के मद्द्देनजर गोरखपुर उप-चुनाव को एक ट्रेलर के तौर पर देखा जा रहा है। इस चुनाव परिणाम के बाद सभी दल अपने चुनावी रणनीति तैयार करेंगे। इस लिये कई मायनों में यह चुनाव राजनैतिक दलों के महत्वपूर्ण है।
,,फिलहाल गोरखपुर का सियासी पारा चढ़ाव पर जाना शुरु हो गया है।