……………………..समीक्षा तो होनी चाहिए ।

..........................समीक्षा तो होनी चाहिए ।

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गोरखपुर लोक सभा उपचुनाव पर एक रपट l

इंडोनेपाल न्यूज टीम गोरखपुर:

………..समीक्षा तो होनी चाहिए
पर सबकी होनी चाहिए मेरा मतलब वोटर से बूथ और बूथ से संगठन और जितने जबाब देह बनाये गए थे उनका लेकिन करेगा कौन ?जो बड़े नेता आते थे प्रेस कॉनफेरेन्स करते थे सेल्फी खिंचवाते थे चले जाते थे वोटर पर्ची नहीं बंटी डोर तो डोर संपर्क नहीं हुआ बूथ कार्यकर्ताओं का ठीक सम्मान नहीं हुआ पांचो विधान सभा के विधायक जी की समीक्षा हो जाये बहुत सारे प्रभारी बनाये गए होंगे उनकी समीक्षा हो जाये अरे गोरखपुर में तो चुनाव लड़ा ही नहीं जा रहा था । अंधियारी बाग़ और राप्ती नगर में कुर्सियां खाली थी सभा में यंहा तो सिर्फ बैलेंस करने में लगे थे लोग 2014 का लोक सभा मुझे याद आ रहा है ठीक एक दिन पहले लखनऊ से एक सीनियर मीडिया साथी आये थे उनके लिए मैंने महराज जी से समय लिया था कुछ तीखे प्रश्न मीडिया साथी ने पूछा उन्होंने जबाब भी दिया बी जे पी को मुझे जरूरत है और मुझे बी जे पी की ,सवाल जीत के अंतर को लेकर के भी था उन्होंने चुनाव के ठीक एक दिन पहले ही 3 लाख से अधिक अंतर रहेगा कह दिया था इतना विस्वाश कैसे है आप को मीडिया साथी ने पूछा ?हमारे अपने लोग हैं जो मेरे लिए खुद काम करते हैं महराज जी ने जबाव दिया आज वो अपने लोग कहाँ गए इस को भी देखा जाना चाहिए । महापौर के चुनाव से ही ,सभासद के टिकट बंटवारे से ही
चर्चा तो थी महापौर का टिकट धर्मेंदर सिंह जी को नहीं मिल पाया था तो उन्ही को टिकट दिया जायेगा ,चर्चा यही थी मठ से ही कोई उम्मीदवार होगा …..आज तो ,आज तक ‘की अंजना ओम कस्यप ने कहा की उपेंद्र शुक्ल जी योगी जी के पसंद के उम्मीदवार नहीं थे अभी सोशल मीडिया में देखा की योगी जी को गोरखपुर बार बार आने से भी जनता त्रस्त थी और तो और मेडिकल कालेज का ऑक्सीजन काण्ड भी कटघरे में आता है गोरखपुर की जनता कहती है योगी सरकार के अलावा किसी की भी सरकार रहती तो खुद योगी जी ही मासूमो के मरने में किसी को वकसते नहीं उपेन्दर शुक्ल जी के टिकट का एलान होते ही 24 घंटे पार्टी को नहीं लगा धर्मेंदर सिंह जी को छेत्रीय अध्यछ घोषित करना पड़ा ऐसी पार्टी की क्या मजबूरी थी कंही ने कंही ये सही साबित करता है की पार्टी , संगठन चुनाव की रणनीति न बना के केवल इसी सब में उलझा रहा ….काम विकाश अरे गोरखपुर में एक वर्ष में क्या चाहिए फ़र्टिलाइज़र कारखाना ,एम्स ,फ्लाई ओवर ,विजली ,सड़क,अण्डर पास ,स्वच्छता गोरखपुर का चौतरफा विकाश ,सभी चौराहो का विकास ये सब तो हो ही रहा है. ……हां एक बात और चर्चा में आ रही है मिट्टी मिलती नहीं बालू मिलता नहीं प्रशाशनिक अधिकारी किसी की सुनते नहीं ठाकुर. ब्राह्मण की राजनीति …..राजनीति तो राजनीति प्रशाशनिक पोस्टिंग में भी जाति देखि जानी लगी
समीक्षा तो होनी चाहिए. (राजेश मणि)

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