अंतरराष्ट्रीय अपराधियों का ‘सराय’ बने नेपाल के जुआ घर
अंतरराष्ट्रीय अपराधियों का ‘सराय’ बने नेपाल के जुआ घर
आईएनन्यूज, भैरहवा (नेपाल) से धर्मेंद्र चौधरी की रिपोर्ट
पिछ़ले दिनों नेपाल के कैसीनों (जुआघर) से हुई आपराधिक धरपकड़ ने अपराधियों की “ठ़ौर” की एक तस्वीर पेश की है। काठमांडू और भैरहवा के जुआघरों अब अंतरराष्ट्रीय अपराधियों की सराय बन गये हैं।
पिछ़ले दिनों भैरहवा के एक जुआघर से तीन उज्बेक महिलाओं के साथ सोनौली के बबलू सिद्दिकी का पकड़े जाना। गोरखपुर में तीन लोगों का टेरर फंडिंग आरोप में पकड़े जाना।
भैरहवा के व्यापारी हरिश सेठिया के हत्या के प्रयास में
रोजन निवासी जारा सोनौली का पकड़े जाना। फिर मंसूर,सद्दाम उर्फ़ अफजल परसोइया नौतनवा व निजाबुदिन निवासी रुपन्देही भैरहवा को हिरासत में लिए जाना।
नेपाल पुलिस की मानें तो इन सभी के तार हवाला कारोबार व हाइप्रोफाइल देह व्यापार के रैकेट़ से जुड़े हैं। यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह भी सामने आ रही है इन सभी का कहीं न कहीं से कैसीनो कनेक्शन है।
बड़ा सवाल यह उठ़ रहा है कि अंतरराष्ट्रीय अपराधियों के सराय बन चुके जुआघरों पर भारतीय निगरानी कैसे होगी।
बता दें कि इन जुआघरों में केवल भारतीय नागरिकों के प्रवेश की अनुमति होती है। केवल एक आईड़ी (निर्वाचन कार्ड, आधारकार्ड, पेन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस) दिखाकर जुआघरों में इंट्री मिल जाती है। जुआघरों में नियमित आने वाले लोगों को कोडवर्ड दिये गये हैं। जो कि बिना किसी आईड़ी के केवल कोडवर्ड बताकर कैसीनों में इंट्री पा जाते थे।
मिली जानकारी के अनुसार पिछ़ले दिनों देहव्यापार व हवाला कारोबार के इर्द-गिर्द व्यापारी के हत्या के आरोप में जो चार भारतीय नेपाली पुलिस द्वारा दबोचे गये हैं। वो कैसीनों के कोडवर्ड होल्डर थे। जिनमें से बबलू सिद्दिकी व रोजन पर भारत में भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जो कहीं न कहीं नेपाली जुआघरों में आपराधिक ठ़ौर को दर्शा रही है।
सवाल यह कि नेपाल के जुआघरों में अपराधियों की धमाचौकड़ी पर भारतीय प्रशासनिक निगरानी कैसे तय होगी ? हर वर्ष सरहद पर दोनों देशों के अधिकारी आपसी समन्वय बैठ़क करते तो हैं। ,,शायद इस बार कैसीनों के आपराधिक कनेक्शन पर कुछ़ रणनीति बन ही जाए।