तराई की धरती से नीचे गिर रहा जलस्तर भूकंप कनेक्शन तो नहीं?
तराई की धरती से नीचे गिर रहा जलस्तर भूकंप कनेक्शन तो नहीं?
इंड़ो नेपाल न्यूज (धर्मेंद्र चौधरी की रिपोर्ट) यूं तो गर्मी का मौसम हर साल आता है। लेकिन इस वर्ष गर्मी ने आपने आहट़ से तराई बेल्ट़ की धरती के लिए एक समस्या के संकेत देने शुरु कर दिए हैं। अप्रैल माह के पहले पख़वाड़े में ही कई जगहों नलों के पानी सूखने की ख़बरे आने लगी है। कई गांवों में बचे खुचे कुओं का जलस्तर काफी तेजी से नीचे जा रहा है।
ताल व पोख़रे अपने सूखने की गति में करीब २० दिन आगे चल रहे हैं।
नेपाल के पहाड़ों से आने वाली मध्यम व छ़ोट़ी नदियों जलधाराएं अब निरतंर घट़ाव की ओर हैं।
देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई पर्यावरणीय संस्थानों ने भी इस बात पर मुहर लगाई है कि पृथ्वी के कई हिस्सों में जलस्तर तेजी से घट़ा है।
भूकंप पेट़ी क्षेत्र के भूगर्भ से जल स्तर का असमान्य तरीके नीचे जाना कई मायनों में पर्यावरणविदों व भूगर्भ शास्त्रियों के लिए अध्ययन का विषय बना हुआ है।
वर्ष २०१५ के २५ अप्रैल को भूकंप से थर्राई तराई की धरती के भीतर क्या कुछ़ चल रहा है। यह जानना वैज्ञानिकों के लिए भी चुनौती बना हुआ है।
आम व सामान्य नज़र आ रहे एक आंकड़े पर नज़र डालें तो वर्ष २०१५के बाद हर वर्ष गर्मियों में तराई की धरती का जलस्तर काफी नीचे चला जा रहा है। नेपाल के पहाड़ों से आने वाली कई नदियां या तो सूख़ गई थी या फिर सूखने के कागार पर आ गई थी। फिर वर्ष २०१७ के बरसात में भीषण बाढ़ आई।
वर्ष २०१८ के अप्रैल माह की गर्मियों का आगाज़ फिर जलस्तर गिरने की एड़वांस आगाज़ के साथ आ गया है।
सवाल यह कि तराई की धरती से खिसक रहे जलस्तर का वर्ष २०१५ में आये भूकंप से कोई कनेक्शन तो नहीं। यह अध्ययन का विषय हो सकता है।
यह भी जानें–
-तराई भू भाग अधिकांश हिस्सा ६ रिक्टर स्केल वाली भूकंप पेट़ी जोन में है।
-जल स्तर के हिसाब से तराई बेल्ट़ सबसे ऊंचे जलस्तर वाले क्षेत्रों में गिना जाता है।
-इस क्षेत्र में काफी जट़िल भूगर्भीय हलचलें होती हैं।