मेरा सौभाग्य कि मैं एकादशी के दिन माता जानकी के चरणों में आया : पीएम मोदी

मेरा सौभाग्य कि मैं एकादशी के दिन माता जानकी के चरणों में आया : पीएम मोदी

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मेरा सौभाग्य कि मैं एकादशी के दिन माता जानकी के चरणों में आया : पीएम मोदीइंडो नेपाल न्यूज डेस्क नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 2 दिवसीय नेपाल दौरे पर जनकपुर पहुंचे।  इसके बाद प्रधानमंत्री सीधे जानकी मंदिर रवाना हुए, यहां PM ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। बतौर प्रधानमंत्री ये नरेंद्र मोदी का तीसरा नेपाल दौरा है। जनकपुर पहुंचकर  पीएम मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ मिलकर जनकपुर-अयोध्या बस सर्विस को हरी झंडी दिखाई। बस को हरी झंडी दिखाने से पहले पीएम मोदी ने जानकी मंदिर में पूजा की और एक जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेरा सौभाग्य है कि मैं एकादशी के दिन माता जानकी के चरणों में आया और उनके दर्शन किए।’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सदियों से भारत और नेपाल का एक खास अट्टू रिश्ता है। जनकपुर ने माता सीता और भगवान राम को देखा।

नेपाली पीएम ने किया प्रधानमंत्री का स्वागत
वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी जनसभा को संबोधित किया और प्रधानमंत्री से कहा कि ‘राजा जनक और जानकी की भूमि पर भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत है।’ उन्‍होंने कहा कि जनकपुर एक ऐसा स्थान है, जिसने भगवान राम को आते हुए देखा. अयोध्या से बारात आई और जनकपुर से विदाई हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केपी शर्मा ओली ने नेपाल के जनकपुर से उत्‍तर प्रदेश के अयोध्‍या तक इंडो-नेपाल बस सर्विस को हरी झंडी दिखाई।

पंडित ने पीएम को पहनाया ‘पाग’
जानकी मंदिर में पूजा के दौरान पंडित ने प्रधानमंत्री मोदी को पाग पहनाया। बता दें कि पाग को मिथिला में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। अंग्रेजी संस्कृति में जैसे ‘क्राउन’ का महत्व है, उसी प्रकार मिथिला में ‘पाग’ का महत्व है। जनकी मंदिर में पूजा के दौरान पीएम मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी मौजूद थे। मंदिर में दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ने विजिटर बुक में अपना संदेश लिखा।

जानकी मंदिर भारत-नेपाल के बीच साझी धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक

जनकपुर का जानकी मंदिर भारत और नेपाल के बीच साझी धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक है और पीएम मोदी भारत और नेपाल के रिश्तों की हिंदू जड़ों को सींचने के लिए इसी जानकी मंदिर में आने वाले हैं।

यहीं से त्रेता युग में माता सीता की डोली अयोध्या आई थी। यहीं पर स्वयंवर के बाद भगवान राम का माता सीता से विवाह हुआ था और भारत के साथ नेपाल एक अनोखे और दैवीय बंधन में बंध गया था। उस रिश्ते को और मजबूत करने के लिए, नेपाल और भारत के लोगों और करीब लाने के लिए यहां पर पीएम मोदी पहुंच रहे हैं। जनकपुर को रामायण सर्किट से जोड़ना इसी की एक कड़ी है।

यह पहला मौका है जब भारत का कोई प्रधानमंत्री काठमांडू से नहीं बल्कि जनकपुर से अपने नेपाल दौरे की शुरुआत करेगा। जनकपुर पहुंचने के बाद पीएम मोदी सीधे जानकीधाम मंदिर जाएंगे। माना जाता है कि ये कभी राजा जनक का महल था और माता सीता का बचपन यहीं बीता। जानकी मंदिर में पूजा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी मौजूद रहेंगे।

मेरा सौभाग्य कि मैं एकादशी के दिन माता जानकी के चरणों में आया : पीएम मोदीपीएम मोदी के इस दौरे को लेकर नेपाल में कितना उत्साह है और इसके क्या मायने हैं ये जानकीधाम मंदिर के गेट से लेकर दीवारों तक पर लगे बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर्स को देखकर साफ हो जाता है। चारों ओर पीएम मोदी के स्वागत और भारत-नेपाल के अटूट रिश्तों का जिक्र है। पीएम मोदी 2014 में भी जनकपुर आने वाले थे लेकिन काम की व्यस्तता की वजह से जानकीधाम मंदिर नहीं आ पाए थे।

मेरा सौभाग्य कि मैं एकादशी के दिन माता जानकी के चरणों में आया : पीएम मोदी

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