44 लेखपाल बर्खास्त, एक दर्जन पदाधिकारी सस्पेंड काम पर वापस नहीं लौटे लेखपाल
44 लेखपाल बर्खास्त, एक दर्जन पदाधिकारी सस्पेंड काम पर वापस नहीं लौटे लेखपाल।
आई एन न्यूज लखनऊ डेस्क :एस्मा लगाए जाने के बाद भी काम पर वापस नहीं लौटे हड़ताली लेखपालों पर अब बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो गई है। दो वर्ष पहले सेवा में आए 44 नए प्रशिक्षु लेखपालों की बर्खास्तगी के आदेश जारी हो गए हैं। करीब एक दर्जन पदाधिकारियों को निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है। गुरुवार तक बस्ता जमा न करने वाले लेखपालों पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।लेखपालों की कलमबंद हड़ताल के 9वें दिन बुधवार को जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने प्रोबेसन पर रहे 44 नए लेखपालों की सेवाएं समाप्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इन लेखपालों का चयन दो वर्ष पहले हुआ था। इस बारे एडीएम (प्रशासन) श्रीप्रकाश गुप्ता ने बताया कि नोटिस दिए जाने के बावजूद बुधवार तक काम पर न लौटने वाले 44 प्रशिक्षु लेखपालों को कार्यमुक्त किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही तहसील वार पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। अन्य लेखपालों को गुरुवार तक बस्ता जमा करने को कहा गया है। अगर कल तक बस्ता जमा नहीं होता है तो ऐसे सभी लेखपालों के उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखाई जाएगी। उन्होने यह भी बताया कि सभी अध्यक्ष व मंत्री निलंबित का दिये गये है।
प्रशासन ने पहले लेखपाल संघ के पदाधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई शुरू की है।
बुधवार को सभी तहसीलों के अध्यक्ष-महामंत्री मिला कर एक दर्जन के करीब पदाधिकारियों को निलंबन का आदेश पकड़ा दिया गया है। मोहनलालगंज लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष संजय शुक्ला और महामंत्री आनंद श्रीवास्तव को निलंबन आदेश थमा दिया गया है। एडीएम (प्रशासन) श्रीप्रकाश गुप्ता ने बताया कि मलिहाबाद में तैनात प्रदेश के उपाध्यक्ष (मध्य जोन) भूपेन्द्र सिंह व अध्यक्ष -मंत्री समेत सभी तहसीलों के पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
पुराने लेखपालों की सर्विस ब्रेक
पुराने लेखपालों में पदाधिकारियों को छोड़ कर अन्य पर कार्रवाई तो नहीं हुई है लेकिन प्रशासन इनकी आगे की नौकरी में ब्रेक लगा दिया गया। अब पुराने लेखपाल अगर आंदोलन समाप्त होने के बाद काम पर आएंगे तो उनकी सर्विस ब्रेक मानी जाएगी। यानी जितने दिन वह हड़ताल पर रहे उतने दिनों की सर्विस काउंट नहीं होगी। इससे लेखपालों के प्रमोशन में रोड़ लग जाएगा। सर्विस ब्रेक होने पर लेखपालों की वरिष्ठता खत्म हो जाएगी।
लेखपाल अब भी मांगों पर अड़े
कार्रवाई के बावजूद नौवें दिन भी लेखपालों का आंदोलन जारी रहा। प्रदेश महामंत्री, उपाध्यक्ष व कोषाध्यक्ष ने लखनऊ में धरना दिया। प्रदेश महामंत्री ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2014 से शासन द्वारा जायज मानी गई मांगो पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हर स्तर पर छलावा किया जा रहा है। उपाध्यक्ष (मध्य जोन) भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा पैदा की गई विसंगतियां ही हमारी मांगे हैं। एक लेखपाल को 16 वर्ष की सेवा पर 4600 का ग्रेड पे और दूसरे को 2800 का ग्रेड पे दिया जा रहा है। 2001 में भर्ती लेखपालों को पुरानी पेंशन से वंचित कर दिया गया। जिला अध्यक्ष सुशील कुमार शुक्ला ने बताया कि सरकार की कार्रवाई से लेखपाल डरे नहीं हैं। जायज मांगो पर जब तक शासनादेश जारी नहीं होता, आंदोलन चलता रहेगा।