मुलायम-अखिलेश ने खाली किया सरकारी आवास, न्यायालय से वापस ली याचिकाएं
नई दिल्ली\लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास खाली करने के लिए कुछ और समय का अनुरोध करने वाली अपनी याचिकाएं उच्चतम न्यायालय से वापस ले लीं। दोनों की ओर से न्यायालय को बताया गया कि उन्होंने अपने सरकारी आवास पहले ही खाली कर दिए हैं।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष जब यह मामला आया तो पिता और पुत्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि इनका निस्तारण कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 2 जून को ही अपने आवास खाली कर दिए हैं। शीर्ष अदालत ने गैर सरकारी संगठन लोक प्रहरी की जनहित याचिका पर 7 मई को अपने फैसले में कहा था कि पद से हटने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी आवास अपने पास नहीं रख सकते। न्यायालय ने कहा था कि पद से हटने के बाद मुख्यमंत्री आम नागरिक के समान होते हैं।
न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को पद से हटने के बाद सरकारी बंगले में रहने की अनुमति देने के लिए राज्य विधान सभा द्वारा किए गए संशोधन निरस्त कर दिए थे। इस फैसले के बाद 28 मई को समाजवादी पार्टी के इन नेताओं ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर उन्हें सरकारी बंगले खाली करने के लिए उचित समय देने का अनुरोध किया था।