देह व्यापार से निकाली गई लड़कियों ने बयां किया दर्द, कहा- ‘दोस्तों और प्रेमियों पर ना करें भरोसा’

आई एन न्यूज ब्यूरो कोलकाता: तीन दिन पहले ही केंद्र सरकार ने शिशु तस्करी रोकथाम अधिनियम को हरी झंडी दी है। इस बीच पश्चिम बंगाल सीआईडी और राज्य पुलिस की टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर राज्य व देश के विभिन्न हिस्सों से 22 साल तक की उम्र की कई ऐसी लड़कियों को देह व्यापार के धंधे से निकाला है जिन्हें जबरदस्ती इसमें धकेल दिया गया था। इनमें से अनेकों को पुनर्वास केंद्रों में रखा गया है तो कुछ के परिवार ने इन्हें स्वीकार कर लिया है। इनमें से दक्षिण 24 परगना की रहने वाली एक 19 साल की पीड़िता ने अपना दर्द बयां किया है।
सीआईडी द्वारा बचाए जाने के बाद उसके परिवार ने उसे स्वीकार किया एवं 03 महीने पहले उसकी शादी हुई है। उसके पहले की जिंदगी से पति पूरी तरह से वाकिफ है एवं इन लड़कियों को समाज में सम्मान दिलाने के लक्ष्य से ही उससे शादी की है। पति के साथ मिलकर उसने एक अभियान चलाया है जिसमें राज्य भर के लड़कियों को देह व्यापार में धकेले जाने से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अपनी दास्तां बताते हुए उसने बताया कि वह 14 साल की थी जब उसे देह धंधे में धकेल दिया गया था।
उसने बताया कि घर के पास रहने वाली अपनी सबसे अच्छी दोस्त से उसने मदद मांगी थी तो उसने कहा था कि रुपये कमाने में उसकी मदद करेगी। नौकरी दिलाने के नाम पर सोनारपुर के एक फ्लैट में ले गई थी जहां 06 महीने तक लगातार उसके साथ अलग-अलग लोगों ने दुष्कर्म किया। अंत में मौके पर पहुंची पुलिस और सीआईडी की टीम ने उसे बचाया। पुनर्वास केंद्र में शरण लेकर रह रही एक अन्य पीड़िता ने बताया कि वह घरवालों से लड़ कर अपने प्रेमी के साथ भागी थी। पहले तो वह उसे दिल्ली ले गया।
कुछ दिनों तक उसके साथ रहा और एक दिन खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर उसे खिला दिया था। आंख खुली तो वह आगरा के रेड लाइट इलाके में थी और उसकी बोली लगाई जा रही थी। बाद में राज्य सीआईडी की टीम ने उसे वहां से बचा कर कोलकाता पहुंचाया। उसने कहा कि ऐसा कोई भी शख्स जो आपको नौकरी देने की बात करता है, राज्य से बाहर ले जाने की बात करता है, प्यार कर घर से भगाने की बात करता है, उस पर आंख बंद कर भरोसा करने से पहले हजार बार सोचना चाहिए। ऐसे लोग पैसे के लिए लड़कियों को देह व्यापार में धकेलने से कतराते नहीं हैं।
इस बारे में सीआईडी के डीआईजी निशात परवेज ने बताया कि विगत एक साल में करीब 70 ऐसी लड़कियों को देशभर से बचा कर कोलकाता लाया गया है। उनमें से कुछ को घर लौटा दिया गया है जबकि कुछ को पुनर्वास केंद्रों में रखा गया है। उन्होंने बताया कि अधिकतर मामलों में यह बात सामने आई है कि दोस्त, रिश्तेदार, प्रेमी या किसी अन्य परिचित ने ही लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में धकेला था। अधिकतर मामलों में नौकरी के नाम पर इन्हें घर से ले जाया गया था व देह व्यापार करने के लिए बाध्य किया गया था इस पर लगाम लगाने के लिए सुदूर बंगाल के विभिन्न इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।