नेपाल मे लोकतांत्रिक ब्यवस्था के लिए भारत का सहयोग आवश्यक —दिनेश त्रिपाठी संविधान विद
मधेश ने नही स्वीकारा संविधान तो नही हो पायेगा चुनाव —
आईएन न्यूज सोनौली ब्यूरो/ महराजगंज
नेपाल मे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भारत का सहयोग आवश्यक है ।देश मे विश्वास और
सहमति बनेगा तभी संविधान बन पायेगा राजनैतिक इच्छा शक्ति के आभाव मे संविधान मे संसोधन नही हो पा रहा है । दो वर्ष मे सविधान का कार्य पूरा हो जाना चहिए था लेकिन एव वर्ष बीत गया अभी तक कुछ नही हो सका है ।
उक्त बाते दिनेश त्रिपाठी नेपाल के सविधांन विद सर्वोच अदालत काठमाडू ने बुधवार की दोपहर को सोनौली के एक गेस्ट हाउस मे भारतीय पत्रकारो से बात चीत मे कही । श्री त्रिपाठी ने खुले शब्दो मे कहा कि 2017 तक संविधान का कार्य पूरा हो जाना चहिए लेकिन अभी तक प्रदेश का सीमांकन तय नही हो पाया और न ही स्थानीय डाचा तय हो पाया । एक वर्ष मे तीन चुनाव होने है । 2017 के जनवरी मे संविधान और सांसद की बैधता समाप्त हो जायेगी।
उन्होने कहा कि हम चाहते है कि नेपाल एक संवैधानिक राष्ट्र बने और लोकतंत्र मे जनता मजबूत हो । देश मे लोकतंत्र का माहौल बने । कुछ राजनैतिक पार्टिया लोकतंत्र को सही दिशा मे जाने से रोकना चाहती है । संविधान मे आवश्यक संसोधन हो । उन्होने राजनैतिक पार्टियो को सचेत करते हुए कहा कि संविधान का कार्य निव्र गति से करना होगा । अगर मधेश ने संविधान नही स्वीकारा तो चुनाव नही हो सकता । देश मे जातीय मतभेद पैदा हो सकता है । नेपाल मे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए मित्र राष्ट्र भारत का सहयोग आवश्यक है ।न् फ़।