नेपाल में मनाया जाता है धूमधाम से हरित तालिका तीज

नेपाल में मनाया जाता है धूमधाम से हरित तालिका तीज

नेपाल में मनाया जाता है धूमधाम से हरिततालिका तीज
 हरित तालिका तीज: महिलाओं को भूलकर भी नहीं करनी चाहिए ये 6 गलतियां।नेपाल में मनाया जाता है धूमधाम से हरित तालिका तीज
इंड़ोनेपालन्यूज काठमांडू व्यूरो:
नेपाल में महिलाएं हरित तालिका तीज को बड़े ही धूमधाम से मनाती हैं। शाम को शिव मंदिरों में पहुंचकर नाच-गाने नित्य संगीत के साथ ब्रत रहती है। भैरहवा बुटवल पोखरा, काठमांडू साहित कई प्रमुख शहरों में महिलाएं बड़ी संख्या में एकत्रित होती हैं और तीज पर संगीत नृत्य प्रतियोगिता

नेपाल में मनाया जाता है धूमधाम से हरित तालिका तीज
पशुपतिनाथ मंदिर में लगी लंबी लाइन

भी आयोजित करती है। काठमांडू स्थित भगवान पशुपतिनाथ की मंदिर में करीब तीन लाख महिलाओं ने दर्शन किया ।
बता दे कि हरित तालिका तीज व्रत का नियम है कि इसे एक बार प्रारंभ करने पर हर साल पूरे नियम से किया जाता है। महिलाएं एकत्रित होकर रतजगा करती हैं और भजन कीर्तन पूरे रात करती हैं। महिलाएं इस दिन पानी ग्रहण

नेपाल में मनाया जाता है धूमधाम से हरित तालिका तीज
मंदिरों में नृत्य संगीत करती महिलाएं

नहीं करती हैं।
आज हरित तालिका तीज है। इस दिन अखंड सौभाग्य की कामना के लिए महिलाएं और युवतियां अपने वर के लिए हरित तालिका तीज का व्रत रखती है।
महिलाएं इस दिन पानी ग्रहण नहीं करती हैं। इस व्रत में सुबह स्नान के बाद भगवान शिव-पार्वती की पूजा का महत्व है। पूरे दिन भजन गाया जाता है और हरतालिका व्रत की कथा सुनाई जाती है। कुछ राज्यों में महिलाएं पार्वतीजी की पूजा करने के पश्चात लाल मिट्टी से स्नान करती हैं। मान्यता के मुताबिक ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध मानी जाती हैं।

💐महिलाओ के लिए आज का दिन खास है करती हैं यह काम——-
1. इस दिन नई दुल्हनें अपने मायके में झूला झूलती हैं और सखियों से अपने पिया और उनके प्रेम की बातों का रस लेती हैं। प्रेम के बंधन को मजबूत करने के लिए यह व्रत रखती हैं।
2. इस दिन हरी-हरी चूड़ियां, हरे वस्त्र और मेहंदी का विशेष महत्व है। मेहंदी सुहाग का प्रतीक है। इसकी शीतल तासीर प्रेम और उमंग को संतुलित करती है, इसलिए इस दिन महिलाएं मेहंदी जरूर लगाती हैं।
3. ऐसा माना जाता है कि मेंहदी भावना को नियंत्रित करता है। हरियाली तीज का नियम है कि क्रोध को मन में नहीं आने दें। मेंहदी का औषधीय गुण इसमें महिलाओं की मदद करता है।
4. सुहागन महिलाएं प्रकृति की हरियाली को अपने ऊपर ओढ़ लेती हैं। नई दुल्हनों को उनकी सास उपहार भेजकर आशीर्वाद देती हैं।
5. कुल मिलाकर इस व्रत का महत्व यह है कि सावन की फुहारों की तरह सुहागन महिलाएं प्रेम की फुहारों से अपने परिवार को खुशहाली दें और वंश बढ़ाएं।

भूलकर भी न करें ये 6 काम——
इस दिन जो गलतियां हो जाती हैं उसकी सजा अगले जन्म में भोगनी पड़ती है, इसलिए इस व्रत में महिलाओं को बेहद सावधानी रखना पड़ती है। भविष्य पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है।
1. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं और युवतियों को पूरी रात जागना होता है। पूजा करनी होती है। यदि कोई महिला व्रत के दौरान सो जाती है तो वह अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेती है।
2. हरितालिका निर्जला व्रत होता है। इस दिन व्रत के दौरान कोई महिलाएं या युवतियां फल खा लेती है तो उसे अगले जन्म में वानर का जन्म मिलता है। ऐसी मान्यता है।
3. हालांकि इस दिन कुछ खाने-पीने का प्रतिबंध माना गया है, फिर भी कोई महिलाएं यदि व्रत के चलते शक्कर का सेवन कर लेती है तो वह अगले जन्म में मक्खी बन जाती हैं।
4. इस व्रत के दौरान 24 घंटे जल की एक भी बूंद नहीं पी जाती है। फिर भी कोई युवतियां या सुहागिन महिलाएं जल पी ले तो वह अगले जन्म में मछली बनकर जन्म लेती हैं।
5. जो महिलाएं या युवतियां इस दिन व्रत नहीं रखती हैं उसे अगले जन्म में मछली का जीवन मिलता है। इसके अलावा शेरनी भी यदि इस दिन मांस-मछली का सेवन कर लेती है तो उसे भी इसका श्राप मिलता है।
6. हरितालिका व्रत का महत्व जानते हुए भी कोई सुहागिन महिलाएं या युवतियां इस व्रत के दौरान यदि दूध पी लेती हैं तो अगले जन्म में उसे सर्प योनी मिलती है।

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