———–अपना विचार
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जिस दिन मायावती कांग्रेस के क़रीब गईं, सीबीआई की जांच तेज़ हो जाएगी। राजनीति का रिमोट कंट्रोल कहीं और है. इसलिए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान दिया, “बहन मायावती बीजेपी में शामिल हो जाएँ.” मायावती पर प्रहार के वास्ते जिस ब्रह्मास्त्र को सरकार ने सुरक्षित रखा है, उसे समय-समय पर दिखाया जाता है !
यह मामला मायावती के शासन काल के दौरान वर्ष 2010-11 में बेची गई 21 चीनी मिलों से जुड़ा है। इनमें से 10 मिलें चालू थीं, बाक़ी बंद या जर्जर । इन्हें बाजार की कीमतों से बहुत कम कीमत पर बेचा गया। बताया जा रहा है इन चीनी मिलों को बेचे जाने से प्रदेश सरकार को 1,179 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। ये चीनी मिलें 500 हेक्टेयर पर बनी थीं और तब इनकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये थी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घोटाले की जांच कराने के लिए सीबीआई को 12 अप्रैल 2018 को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि प्रदेश की जो भी 21 चीनी मिलें बीचे गईं, वह सब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गईं बोगस कंपनियों ने खरीदीं। जो चीनी मिलें खरीदी गईं उनमें से देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, चित्तौनी और बाराबंकी की बंद पड़ी सात चीनी मिलें भी शामिल थीं।हालांकि, अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते अपनी “बुआ जी” पर नवंबर 2012 में लोकायुक्त को यह जांच सौंपी थी. तत्कालीन लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने डेढ़ साल से ज्यादा समय तक जांच के बाद “बुआ जी” को क्लीन चिट दे दी थी !