सोशल मीडिया पर लिखने के लिए पुलिस के लिए गाइड लाईन
सोशल मीडिया पर लिखने के लिए पुलिस के लिए गाइड लाईन
आई एन न्यूज लखनऊ डेस्क:
एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद पुलिसकर्मियों के सोशल मीडिया पर उठे तूफान के मद्देनजर डीजीपी को सोशल मीडिया पॉलिसी बनानी पड़ी है। पॉलिसी में पुलिसकर्मियों के हथियार सहित सोशल मीडिया पर फोटो डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यदि यूनिफॉर्म में फोटो डाली जाएगी तो वह भी व्यवस्थित और संपूर्ण होनी चाहिए। किसी पर भी कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करेंगे। कोई भी पोस्ट डालने पर उसमें लिखना होगा कि ये उनके निजी विचार हैं इसका विभाग से कोई संबंध नहीं है।
पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी 17 बिंदुओं पर जारी की गई है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि उप्र पुलिस का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी पर है अथवा नहीं, लेकिन वह पुलिस प्रतिनिधि होता है। सोशल मीडिया पर उसकी व्यक्तिगत गतिविधियां सीधे पुलिस महकमे की प्रतिष्ठा से जुड़ी होती हैं। इसलिए विभाग की गरिमा को देखते हुए पुलिस के लिए भी सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई गई है।
सोशल मीडिया पॉलिसी की अहम बातें
– पुलिसकर्मी को सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट में यह बताना होगा कि वह उसके निजी विचार हैं और विभाग का इससे कोई संबंध नहीं है।
– महकमे की कोई भी जानकारी बिना उच्चाधिकारियों के संज्ञान में डाले बिना पोस्ट नहीं की जाएगी।– किसी भी राजनीतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति, राजनैतिक विचारधारा के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं होगी।– कोई भी पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अपनी व दूसरे की नियुक्ति का उल्लेख नहीं करेगा।– पुलिसकर्मी पुलिस के लोगो, वर्दी, हथियार के साथ तस्वीर नहीं डालेंगे। यदि वर्दी में फोटो है तो वर्दी पूरी होनी चाहिए।– पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा या तस्वीर का प्रयोग नहीं करेंगे।– अपराध की जांच, विवेचना और कोर्ट में लंबित केस के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं करेंगे।– जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य के बारे में पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।– बलात्कार पीड़िता और नाबालिगों की पहचान या नाम सोशल मीडिया पर उजागर नहीं करेंगे।– जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड हो, उनका चेहरा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं करेंगे।– पुलिसकर्मी अपने अधिकारियों और विभाग के विरुद्ध कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
– पुलिसकर्मी सरकार या उसकी नीतियां, कार्यक्रम, राजनेता के संबंध में टिप्पणी नहीं करेंगे।– राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रकरणों में भी सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।इसलिए हुई पॉलिसी बनाने की जरूरत
विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद लोगों में सोशल मीडिया पर पुलिस को लेकर जनाक्रोश दिखा तो पुलिसकर्मियों ने भी अपने विभाग के पक्ष में सोशल मीडिया को हथियार बना लिया। कुछ पुलिसकर्मियों ने गोली मारने को मजबूरी बताई तो कुछ ने तमाम दूसरी बातें की। स्थिति यह बन गई कि सोशल मीडिया पुलिसकर्मियों को अपना पक्ष रखने के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म बन गई।