क्या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे मोदी ?

क्या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे मोदी ?

आई एन न्यूज़ नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रायबरेली में सक्रियता से अब यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं। 16 दिसंबर को नरेंद्र मोदी पहली बार रायबरेली पहुंच रहे हैं, इस दौरान मोदी सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट रेल कोच फैक्ट्री का जायजा लेंगे और कई योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। मोदी की यात्रा के कई निहितार्थ हैं। इस सीट पर 2004 से सोनिया गांधी लगातार जीत रही हैं और यह उनकी परंपरागत सीट भी है। इसलिए नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि सोनिया गांधी को यहां तक सीमित कर दिया जाए, ताकि कांग्रेस उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में इतनी सक्रिय ना रह सके।

इसी रणनीति के चलते भाजपा ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी ने जो कोच फैक्ट्री यहां बनवाई थी, उसमें 2014 तक यूपीए सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते उत्पादन नहीं हो सका, लेकिन अब यहां से 700 कोच बन कर तैयार हैं और आने वाले 2 सालों में 3000 कुछ बनाने का लक्ष्य रखा है। भाजपा इस उपलब्धि को जिले में सब जगह प्रचारित कर रही है। भाजपा एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने यहां पहले बाइक रैली आयोजित की थी अब पदयात्रा करके भारतीय जनता पार्टी जन-जन तक रायबरेली के लिए भाजपा द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा पहुंचा रही है। यह पदयात्रा 15 दिसंबर तक चलेगी और 989 ग्राम सभाओं में पहुंचेगी। इस यात्रा के माध्यम से नरेंद्र मोदी की जनसभा के लिए अधिक से अधिक संख्या में भीड़ जुटाने का प्रयास भी किया जाएगा।

आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के समक्ष उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक सीट जीतने की चुनौती है। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी आम तौर पर अमेठी और रायबरेली जैसे चुनावी क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी खड़े नहीं करती हैं या फिर जिन प्रत्याशियों को टिकट दिया जाता है वह बड़े कमजोर रहते हैं। क्षेत्र में गांधी परिवार का वर्चस्व बना हुआ है और किसी भी राजनीतिक दल ने उस वर्चस्व को तोड़ने की कोशिश नहीं की। लेकिन पिछले चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में स्मृति ईरानी ने बहुत मेहनत की थी जिसका परिणाम यह निकला कि राहुल गांधी की लीड घटकर एक लाख तक रह गई। इस बार फिर भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी के खिलाफ स्मृति ईरानी को मैदान में उतार सकती है ताकि राहुल गांधी को इस सीट पर अधिक से अधिक ध्यान देना पड़े। जहां तक सोनिया गांधी का सवाल है, कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी इस बार स्वास्थ्य कारणों से चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी, लेकिन यदि वे चुनाव मैदान में उतरती हैं तो उनका सामना भाजपा के किसी दिग्गज नेता से ही होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की अटकलें तो हैं ही उनके अलावा कई दिग्गज नेता भी रायबरेली से चुनावी मैदान में उतारे जा सकते हैं। रायबरेली और अमेठी के मतदाता राष्ट्रीय दलों को ही वोट करते आए हैं। लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस जीतती है तो विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बाजी मार ली जाती है। इस बार भाजपा इन दोनों सीटों पर पूरा जोर लगा रही है। यदि राहुल गांधी के खिलाफ स्मृति ईरानी और सोनिया के खिलाफ भी उसी कद का कोई नेता चुनावी मैदान में उतरा तो इन दोनों सीट पर हाई पावर मुकाबला हो जाएगा। यह दोनों सीटें वैसे भी देश की सबसे चर्चित सीटों में से एक हैं। अब देखना यह है कि इन सीटों पर कांग्रेस की क्या रणनीति रहती है। एक खबर यह भी है कि सोनिया गांधी द्वारा सीट खाली करने की स्थिति में प्रियंका वाड्रा चुनावी मैदान में आ सकती हैं। लेकिन अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है।

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