राफेल खरीद प्रकरण- सर्वोच्च न्यायालय को भी भारत सरकार ने गुमराह किया– कुँवर अखिलेश सिंह

राफेल खरीद प्रकरण- सर्वोच्च न्यायालय को भी भारत सरकार ने गुमराह किया-- कुँवर अखिलेश सिंह

राफेल खरीद प्रकरण- सर्वोच्च न्यायालय को भी भारत सरकार ने गुमराह किया-- कुँवर अखिलेश सिंह

राफेल खरीद प्रकरण- सर्वोच्च न्यायालय को भी भारत सरकार ने गुमराह किया– अखिलेश सिंह

आई एन न्यूज नौतनवा डेस्क:
राफेल खरीद प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भी भारत सरकार ने गुमराह किया।

राफेल खरीद प्रकरण- सर्वोच्च न्यायालय को भी भारत सरकार ने गुमराह किया-- कुँवर अखिलेश सिंह

उक्त बाते शनिवार की दोपहर को महाराजगंज के पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह ने अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय संसद के लोक सेवा समिति का मैं सदस्य रहा हूं और स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी जी के नेतृत्व में मैंने कार्य किया है। राफेल खरीद प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहां है कि राफेल की कीमत की चर्चा सीएजी की रिपोर्ट में की गई है भारतीय सांसद के लोक सेवा समिति के वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का मीडिया के समक्ष प्रस्तुत होकर यह कहना कि सीएजी की राफेल पर किसी भी रिपोर्ट की जानकारी उन्हें नहीं है। यह गम्भीर विषय है।
श्री सिंह न कहां कि प्रक्रिया के अनुसार सीएजी अपनी सभी रिपोर्ट लोक लेखा समिति के अध्यक्ष को प्रस्तुत करती है उसके पश्चात लोक लेखा समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष के हस्ताक्षर से सभी सदस्यों को रिपोर्ट प्रसारित की जाती है। उसके पश्चात उस रिपोर्ट जब समिति अपना निर्णय ले लेती है तो लोक लेखा समिति द्वारा अध्यक्ष के पटल पर प्रस्तुत किया जाता है। किसी भी रिपोर्ट के सदन में प्रस्तुत होने के पश्चात वह चीज सार्वजनिक हो जाते हैं। भारत सरकार ने तथ्यों को छुपाकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया। संसद के बीते मानसून सत्र में जब राफेल का मामला उठा तो उस समय राफेल की कीमत को गोपनीयता का जामा पहनाया गया। देश की संसद को राफेल की कीमत नहीं बताई गई । यदि सीएजी की रिपोर्ट लोक लेखा समिति के अध्यक्ष को प्राप्त होती तो वह रिपोर्ट लोकसभा के पटल प्रस्तुत की जाती और तब सदन के अंदर इस पर चर्चा होती और सरकार को संयुक्त संसदीय समिति के गठन के लिए बाध्य होना पड़ता। प्रधानमंत्री जेबीसी के गठन से इसलिए भाग रहे हैं कि स्वर्गीय अटल जी के सरकार में 13वीं लोकसभा में हुए शेयर बाजार घोटाला तत्व संबंधी मामलों संबंधी संयुक्त समिति का प्रतिवेदन जो 19 दिसंबर 2002 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया और राज्यसभा के पटल पर रखा गया। उसमें प्रधानमंत्री के मित्र गौतम अडानी की कंपनी अडानी एक्सपोर्ट लिमिटेड नंबर एक की दोसी कंपनी है। जिसने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 10 नवंबर 1999 को शेयर का मूल्य ₹621 था उसे 10 दिसंबर 1999 को 1271 कर दिया और अडानी एक्सपोर्टस की परिवर्तक सहायक कंपनी ने शेयरों को क्रास डील तरीके से केतन पारेख की कंपनियों को बेच दिया था। (महराजगंज उ०प्र०)

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