फरेंदा: गार्ड आफ आनर के साथ शहीद पंकज त्रिपाठी को दी गई अंतिम विदाई।
शहीद जवान का चार वर्षीय पुत्र प्रतीक ने पिता को मुखाअग्नी दी।
आई एन न्यूज महराजगंज डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद महराजगंज के जवान पंकज त्रिपाठी की शनिवार को त्रिमुहानी घाट पर पूरे सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई। शहीद जवान का चार वर्षीय पुत्र प्रतिक ने अपने पिता को मुखाअग्नी दी। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। हर किसी की आंखें नम थीं। हर जुबान पर जवान की बहादुरी का चर्चा था।
महराजगंज के फरेन्दा थाना क्षेत्र के हरपुर के रहने वाले पंकज त्रिपाठी ( 29 वर्ष) सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर जम्मू कश्मीर में तैनात थे। बीते गुरूवार को आतंकी हमले में उन 42 जवानों के साथ पंकज त्रिपाठी भी शहीद हो गये। इस वतन का सच्चा सपूत भारत मां के आन की रक्षा करते हुए उनकी गोद में सदा के लिए सो गया।
शहीद का शव उनके पैतृक गांव हरपुर आज सुबह लगभग 11 बजे पहुंचा। एक चार साल के मासूम बेटे के पिता पंकज त्रिपाठी को इस हाल में देखकर हर किसी की आंखें नम थीं। अंतिम संस्कार के लिए आज शहीद का शव महराजगंज के त्रिमुहानी घाट पर लाया गया। शवयात्रा में हजारों लोग शामिल रहे। घाट पर केन्द्रिय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह,सांसद पंकज चौधरी,पूर्व सांसद अखिलेश सिंह, पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय, तलत अजीज , जिले के सभी विधायक सभी दलो के जन प्रतिनिधि और डीएम, आईजी, एसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। घाट पर जवानों ने बंदूकों की नाल नीचे कर गार्ड ऑफ आनर दिया। आतंकी हमला में शहीद पंकज त्रिपाठी के परिवार को प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री ने किया सरकारी सुविधाओं का एलान ।
शहीद जवान पंकज त्रिपाठी की पत्नी रोहिणी को 25 लाख रूपये आर्थिक सम्मान राशि दिया गया ।
स्वर्गीय पंकज के परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी । शहीद पंकज की पत्नी रोहिणी के नाम 0.386 हेक्टेयर कृषि भूमि का आवंटन किया गया । शहीद पंकज स्मृति- द्वार। शहीद पंकज स्मारक स्थली । मेन रोड से शहीद पंकज आवास तक मार्ग प्रकाश वयवस्था , बेलहिया प्राथमिक विद्यालय तक सम्पर्क मार्ग । बेलहिया प्राथमिक विद्यालय का कायाकल्प तथा शहीद पंकज के नाम इसका नामकरण किया गया।