एम्स में रजिस्ट्रेशन के लिए उमड़े शहरवासी, इलाज शुरू
एम्स में ओपीडी शुरू होते ही महानगरवासियों की भीड़ उमड़ गई। कतार आयुष विंग से लेकर मुख्य गेट तक पहुंच गई। आलम यह रहा कि तीन घंटे में ही 220 मरीजों का पंजीकरण हुआ। जबकि 135 मरीजों का इलाज हुआ।
गोरखपुर एम्स में सोमवार से मरीजों का इलाज शुरू हुआ। एम्स को लेकर महानगरवासियों में क्रेज सुबह से ही देखने को मिला। ओपीडी के लिए पंजीकरण का समय सुबह आठ बजे से है लेकिन मरीज व तीमारदार सुबह छह बजे से ही कतार में लग गए। मामले की नजाकत को देखते हुए सुरक्षा में लगे गार्डों ने गेट को बंद कर दिया। इसके कारण एम्स के गेट से लेकर कसया रोड तक कतार लग गई।
परिवार के सदस्यों का कराया पंजीकरण
एम्स में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके लिए एम्स में तीन काउंटर बने हैं। एम्स में इलाज कराने का क्रेज ऐसा है कि कतार में खड़ा हर शख्स ने परिवार के प्रत्येक सदस्य का रजिस्ट्रेशन कराया। एक व्यक्ति के रजिस्ट्रेशन में पांच से सात मिनट का समय लग रहा है। इस दौरान धीमे सर्वर ने लोगों को खूब छकाया। आलम यह रहा कि सुबह नौ बजे पहुंचे तीमारदार अपने मरीजों का पंजीकरण नहीं करा सके। तीन काउंटरों पर 220 मरीजों का सोमवार को पंजीकरण हो सका।
मेडिसिन में लगी सबसे लंबी कतार
एम्स में पहले दिन सबसे ज्यादा भीड़ मेडिसिन की ओपीडी में रही। मेडिसिन की ओपीडी में जोधपुर एम्स के डॉ. दुर्गाशंकर और डॉ. भरत कुमार ने मरीजों का इलाज किया। महादेवपुरम निवासी हरिश्चंद्र वर्मा ने मेडिसिन की ओपीडी में पहला इलाज कराया। 10 विभागों में कुल 120 मरीजों ने इलाज कराया।
जल्द खुलेगा मेडिसिन सेंटर
अधिकारियों के मुताबिक एम्स में अभी दवाएं नहीं मिल रही हैं। उसके लिए जल्द ही इंतजाम किए जाएंगे। कई विभागों में सेटिंग का काम सोमवार को भी जारी रहा।
चलेगी 10 विभागों की ओपीडी
एम्स में पहले चरण में 10 विभागों की ओपीडी शुरू हुई। यह ओपीडी सोमवार से शुक्रवार तक चलेगी। इसमें मेडिसिन, जनरल सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बालरोग, नाक-कान-गला रोग, नेत्ररोग, दंतरोग, हड्डी रोग, चर्म रोग और मानसिक रोग की ओपीडी चलेगी। इसके अलावा ओपीडी में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी जांच और ईसीजी की सुविधा मिलेगी।
खुले हैं 10 काउंटर
एम्स में मरीजों के लिए 10 काउंटर खोले गए हैं। रजिस्ट्रेशन और ओपीडी के लिए तीन-तीन काउंटर, दो शुल्क जमा करने के काउंटर, पूछताछ और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक-एक काउंटर संचालित हो रहे हैं।
ऐसे कराएं पंजीकरण
एम्स में इलाज कराने से पूर्व मरीजों को पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए एम्स प्रशासन ने प्रोफार्मा जारी किया है। मरीजों को प्रोफार्मा भरना होगा। प्रोफार्मा के जरिए एम्स प्रशासन मरीज से जुड़े सभी डिटेल को दर्ज कराएगा। प्रोफार्मा भर कर जमा करने के बाद ही पंजीकरण होगा। पंजीकरण का शुल्क 20 रुपये है। इसकी वैधता एक वर्ष की होगी। पंजीकरण सुबह आठ बजे से 11 बजे तक होगा। पंजीकरण के बाद ही ओपीडी का पर्चा बनेगा। इसका शुल्क 10 रुपये है। ओपीडी के पर्चे की वैधता तीन महीने की है।