मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित, भारत को बड़ी सफलता

मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित, भारत को बड़ी सफलता

मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित, भारत को बड़ी सफलता
नई दिल्ली ब्यूरो ।
भारत समेत दुनिया भर में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का स्वागत किया गया है। लेकिन इसको लेकर संदेह भी जताया गया है कि क्या इस कदम से पाकिस्तान पर आतंकवाद को अपनी राष्ट्र नीति के तौर पर इस्तेमाल करने से रोकने में मदद मिलेगी।
भारत के पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर ने इसे बहुत ही साकारात्मक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस सफलता के लिए हम बहुत लंबे समय से प्रयास कर रहे थे, लेकिन चीन हर बार अड़ंगा लगा देता था।
पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने इसे बड़ी उपलब्धि करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से पाकिस्तान अलग-थलग पड़ेगा। लोगो ने इसे उल्लेखनीय राजनयिक उपलब्धि बताया है। बालाकोट हमले के बाद भारत दुनिया की महाशक्तियों को चीन पर दबाव डलवाने में सफल रहा है।
हंला की कांग्रेस ने भी किया स्वागत किया है।—-
जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने का कांग्रेस ने स्वागत किया है। पार्टी की मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने साथ ही कहा कि मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में पुलवामा हमले का जिक्र नहीं होने से पार्टी को निराशा हुई है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि सांकेतिक जीत के लिए पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों की शहादत को अनदेखा कर दिया गया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस महत्वपूर्ण सफलता के लिए भारतीय राजनयिकों को उनके अथक कार्यो के लिए बधाई दी।
वहीं, अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों ने मसूद पर पाबंदी लगाने का स्वागत किया है। अमेरिका ने कहा कि जैश पहले से ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी समूहों में शामिल था और उसका सरगना होने के नाते मसूद अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के मापदंड में बिल्कुल फिट बैठता था। ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल दफ्तर ने कहा कि मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाना दक्षिण एशिया के लिए साकारात्मक कदम है। इसे भारत की बड़ी जीत, माना जा रहा है। चीन ने छोड़ा पाक का साथ, पाक पूरी तरह से लागू करेगा यूएन का फैसला।
संसद, पठानकोट और पुलवामा जैसे हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है। पिछले एक दशक से अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंध घोषित करवाने मे जुटे भारत की कूटनीतिक कोशिशों को बुधवार को सफलता तब मिली जब चीन ने अपना वीटो हटाकर इसका समर्थन कर दिया। इस फैसले से पाकिस्तान के बोल भी बदल गए हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अजहर के बारे में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के फैसले को तुरंत लागू करेगा। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने जानकारी दी, ‘मसूद अजहर यूएन की तरफ से आतंकी घोषित हो गया है। इसमें सभी बड़े-छोटे देशों ने मदद की है। उन सभी देशों को मदद के लिए धन्यवाद।’
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने एक विशेष समिति बना रखी है जिसे 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के नाम से जाना जाता है। इस समिति के तहत घोषित आतंकियों को किसी भी देश में शरण देना न सिर्फ मुश्किल होता है बल्कि उसके लिए फंड जुटाना भी मुश्किल होता है। उस व्यक्ति और उससे जुड़े हर तरह के संगठन की कड़ी निगरानी की जाती है और उनके बारे में संयुक्त राष्ट्र के तमाम देशों के साथ सूचनाएं भी साझा करनी पड़ती हैं। लिहाजा अब मसूद अजहर के नाम से जुड़े हर बैंक खाते और संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा। चीन ने कहा, नए सिरे से अध्ययन में नहीं दिखी कोई आपत्तिसंयुक्त राष्ट्र में भारत की कोशिशें दरअसल इसलिए सफल रहीं क्योंकि चीन ने मार्च, 2019 में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ तकनीकी रोक (वीटो) वापस ले ली। इस बारे में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में पेश संशोधित प्रस्तावों का नए सिरे से अध्ययन करने के बाद तकनीकी रोक हटाई गई है। चीन ने यह भी कहा है कि उसे प्रस्ताव में कोई आपत्ति नहीं दिखी। चीन ने यह भी दिखाने की कोशिश की कि वह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर सभी देशों के साथ सहयोग करने को तैयार रहता है।
फ्रांस ने भी किया स्वागतचीन ने अपने बयान में पाकिस्तान का भी जिक्र करते हुए कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लगातार काम कर रहा है और उसके योगदान को स्वीकार किया जाना चाहिए। प्रस्ताव लाने वाले देश फ्रांस ने भी इसका स्वागत किया है।
पाक बोला, पुलवामा हमले से नहीं जोड़ा गया—
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव को तुरंत लागू करने की बात करते हुए यह भी कहा कि यूएन में पेश संशोधित प्रस्ताव में मसूद अजहर को किसी राजनीतिक मुद्दे और पुलवामा हमले से नहीं जोड़ा गया है। साथ ही उक्त प्रस्ताव में कश्मीर का जिक्र भी नहीं है। हालांकि इसका कोई खास मतलब नहीं है क्योंकि भारत का मुख्य उद्देश्य अजहर पर प्रतिबंध लगाने का था और वह हो गया है।
सुरक्षा परिषद के सभी 15 देशों का मिला समर्थनभारत की यह कूटनीतिक जीत सिर्फ चीन के मिजाज में बदलाव लाने के हिसाब से ही अहम नहीं है, बल्कि इस मुद्दे पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 देशों का सहयोग हासिल किया है। यह सरकार की कूटनीतिक क्षमता को दर्शाता है। वर्ष 2009 में पहली बार भारत ने अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था। उसके बाद चार बार ऐसा प्रस्ताव पेश हो चुका है और हर बार चीन उस पर वीटो लगाकर खारिज करवाता रहा है। प्रेट्र

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