सोनौली: शांति भंग में जेल का हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
सोनौली: शांति भंग में जेल का हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
आई एन न्यूज सोनौली डेस्क:
पूर्व में उपजिला मजिष्ट्रेट सदर रहे सत्यम मिश्रा को शांतिभंग की आशंका में अपने विशेषाधिकार का दुरूपयोग करते हुए पिता-पुत्र को अभियुक्त बता जेल में निरुद्ध करा देना के मामले का हाईकोर्ट ने अब संज्ञान ले लिया।
खबरों के मुताबिक बीते वर्ष 11 अगस्त 2018 को क़स्बा सोनौली के सुरेश मणि त्रिपाठी व उनके पुत्र समेत शांति भंग में उन्हे पाबंद कराते हुए
द0प्र0स0 151,107/16 के तहत जेल भेज दिया गया । दोनो लोगो ने अपनी गिरफ़्तारी को चुनौती देते हुए याची सुरेश मणि ने रिट संख्या 3542 उच्चन्यायलय में दाख़िल किया। सरकार बनाम जनपद के 6 अधिकारीयों के विरुद्ध हाईकोर्ट में दाख़िल याचिका पर प्रथम दृष्टया एसडीयम सत्यम मिश्रा तहसील निचलौल को उच्च न्यायलाय ने 19 अगस्त 2019 की सुनवाई में क्यों न आप पर अर्थदण्ड सुनिश्चित किया जाएं सरीखे कारण बताओं नोटिस जारी कर 5 सितम्बर को पुनः माननीय न्यायलय में तलब कर लिये जाने की खबर है।
याची के अधिवक्त गण रितेश श्रीवास्तव व अनवर हुसैन की दलीलों को सुनने के बाद माननीय उच्च न्यायलय ने उक्त गिरफ़्तारी को ही अवैध करार दे दिया। हाईकोर्ट खंडपीठ के न्यायमूर्ति गण मनोज मिश्रा व मंजू रानी चौहान की बेंच ने तत्पश्चात अधिवक्ता अविनाश मणि त्रिपाठी की दलीलों पर यह स्वीकार किया कि निचली अदालतों में शांति भंग की पाबंदियों में जेल अवैधानिक रूप से किया जाने लगा है। जहाँ प्रायः मजिष्ट्रेट आम आदमी के विशेषाधिकारों का हनन करते नज़र आ रहे है । यही कारण है कि एक पक्षीय दर्ज हो रहे मुकदमें अपराधों को तेज़ी से जन्म देने लगे है।
उक्त आशय की जानकारी मुकदमे के याची सुरेश त्रिपाठी ने दी है।
महाराजगंज उत्तर प्रदेश।