पुरुष नसबंदी पखवाड़ा : 17 पुरुषों व 363 महिलाओं ने कराई नसबंदी
पुरुष नसबंदी पखवाड़ा : 17 पुरुषों व 363 महिलाओं ने कराई नसबंदी
परिवार नियोजन को 79 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी व 146 ने नें अंतरा अपनाया
आईएन न्यूज महराजगंज डेस्क
जनपद में 21 नवम्बर से चार दिसम्बर तक चले पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान तहत 17 पुरूषों व 363 महिलाओं ने नसबंदी कराई। इसके अलावा परिवार नियोजन के लिए 79 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी ( प्रसव पश्चात कापर टी) तथा 146 ने अंतरा इंजेक्शन अपनाया है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम नियोजन के नोडल अधिकारी डा॰ राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि ” पुरूषों की अब है बारी, परिवार नियोजन में भागीदारी” थीम पर 21 नवंबर से 4 दिसम्बर तक पुरूष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। पखवाड़े के पहले चरण में जहाँ 21 से 27 नवंबर तक आंगनबाड़ी, आशा व एएनएम ने लोगों से संपर्क किया, वहीं 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर के बीच नसबंदी के लिए शिविर लगाया गया।
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39 पुरूषों व 862 महिलाओं की हो चुकी है नसबंदी, 4506 ने अंतरा अपनाया
उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) के हेमेंद्र चौबे ने बताया कि अप्रैल 2019 माह से चार दिसम्बर के बीच जहाँ 39 पुरूषों ने नसबंदी कराई वहीं पहली अप्रैल 2019 से 31 अक्तूबर तक 862 महिलाओं ने नसबंदी कराई है। वहीं पर परिवार नियोजन की अस्थायी विधियों में अंतरा व प्रसव पश्चात कापर टी के प्रति रूझान बढ़ा है,। जिसका नतीजा है कि प्रसव पश्चात कापर टी के 3874 के लक्ष्य के सापेक्ष 2443 तथा अंतरा इंजेक्शन के 5629 लक्ष्य के सापेक्ष 4506 ने अपनाया है।
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आसान है पुरुष नसबंदी
-परिवार नियोजन का स्थाई तरीका है नसबंदी।
-नसबंदी केवल उनके लिए सही है जिन्हें भविष्य में बच्चा नहीं चाहिए।
-नसबंदी सरल , सुरक्षित एवं असरदार तरीका है ।
-बिना चीरे वाली पुरूष नसबंदी एक छोटा सा आपरेशन है।
-पुरुष नसबंदी में पुरुषों की दोनों शुक्राणुवाहक नलिकाओं को बांध दिया जाता है
-इस आपरेशन में कुछ ही मिनट लगते हैं, चीरे व टाँके की जरूरत नहीं होती।
-आपरेशन वाली जगह पर मामूली पीड़ा या सूजन आ सकती है,। जो कुछ दिनों में ठीक हो जाती ता है ।
-पुरुष नसबंदी के बाद भी यौन इच्छा व क्षमता पहले की तरह से बनी रहती है।