फरेंदा: 48 घंटे बाद भी नहीं हो पाया जितेंद्र यादव का अंतिम संस्कार
फरेंदा: 48 घंटे बाद भी नहीं हो पाया जितेंद्र यादव का अंतिम संस्कार
आई एन न्यूज महराजगंज डेस्क: दो दिन पहले महराजगंज जिले के फरेन्दा थाना क्षेत्र के हरैया बरगदवां निवासी एवं वार्ड नं 28 की महिला जिला पंचायत सदस्य अमरावती देवी के प्रतिनिधि जितेन्द्र यादव की गोलियों से भूनकर निर्मम हत्या के मामले में 48 घंटे बीत चुके हैं लेकिन गलत एफआईआर लिखे जाने से नाराज परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हैं। पुलिस के बड़े अफसर निष्पक्ष कार्यवाही करने की बजाय गुमराह करने पर आमादा हैं।
बता दे कि पुलिस के बड़े अफसरों की नादानी से जिले में जितेन्द्र यादव हत्याकांड के बाद विवाद लगातार गहराता जा रहा है। दो दिन बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है। मौके पर मौजूद मृतक के भाई जालंधर यादव ने बताया कि वे झूठी एफआईआर लिखे जाने की वजह से अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं। मृतक के भाई ने कहा जब तक विधायक की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। तीन तहरीर के जाल में पुलिस ने ऐसा जाल बुना कि एफआईआर में एक प्रभावशाली व्यक्ति को पुलिस बचाने का खेल खेल रही है। जब पहली तहरीर दी गयी तो उसमें साफ-साफ एक विधायक का नाम लिखा था। फिर भी एफआईआर में उनका नाम नहीं लिखा। रहस्यमय परिस्थितियों में दूसरी तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखा गया लेकिन उसमें विधायक का नाम नहीं था। इसके बाद परिजन और ग्रामीण भड़क गये। अब पुलिस नयी कहानी गढ़ रही है कि विवेचना के क्रम में आगे नाम बढ़ाया जायेगा, जिस पर परिजन तैयार नहीं है। और कह रहे हैं कि नाम बढ़ाने से काम नहीं चलेगा। क्यों झूठी एफआईआर लिखी गयी? पहली तहरीर के आधार पर ही उनका मुकदमा लिखा जाये।
इधर विधायक ने अपना हाथ इस हत्याकांड में होने से साफ इंकार किया है। तो पुलिस का बयान है कि उन्होंने तहरीर बदली नहीं बल्कि खुद मृतक की पत्नी ने जो तहरीर दी थी उसी हिसाब से मुकदमा लिखा गया।
महाराजगंज उत्तर प्रदेश