नागरिकता कानून से देश में भय का माहौल— कुंवर अखिलेश सिंह

नागरिकता कानून से देश में भय का माहौल--- कुंवर अखिलेश सिंह

नागरिकता कानून से देश में भय का माहौल— कुंवर अखिलेश सिंह
भाजपा पार्टी की सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून बनाकर पूरे देश के अंदर भय और सुरक्षा का वातावरण पैदा कर दिया है। इस कानून के बनने के बाद देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आसाम सहित पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य आग में झुलस रहे हैं।
उक्त बातें मंगलवार की दोपहर को कुंवर अखिलेश सिंह सपा के पूर्व सांसद महाराजगंज ने नौतनवा में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि महात्मा गांधी, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, बल्लभ भाई पटेल, डॉ राम मनोहर लोहिया, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आवाहन पर 90% भारतीय मुसलमानों ने भारत को ही अपना देश स्वीकार किया और जंगे आजादी के दौर से आज तक भारत की तरक्की और खुशहाली के लिए लगातार संघर्ष में बराबर की भागीदारी रही है । पाकिस्तान से भारत आए इंद्र कुमार गुजराल, डॉक्टर मनमोहन सिंह को हम लोगों ने देश का प्रधानमंत्री बनाया परन्तु पाकिस्तान से आए लालकृष्ण आडवाणी को भाजपा और राष्ट्रीय स्वंय संघ सेवक के लोगों ने प्रधानमंत्री के कुर्सी पर उन्हे नहीं जाने दिया उनका दोष मात्र इतना था कि जब वह पाकिस्तान में जिन्ना के मजार पर सच बोले । जामिया मिलिया विश्वविद्यालय दिल्ली अलीगढ़ विश्वविद्यालय और लखनऊ स्थित नदवा कॉलेज में पुलिस ने जो बर्बरता पूर्ण कृत्य किया है उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। विज्ञान, कानून, इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों द्वारा इस कानून का जिस तरह से विरोध किया जा रहा है उसको भाजपा सरकार को समझना चाहिए। नागरिकता के सवाल पर इस कानून के द्वारा मुसलमानों के साथ भेदभाव को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री सिंह ने कहां कि देश के लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि संशोधन में हिंदुओं के साथ ही भेदभाव किया गया है । नेपाल में माओवादी आंदोलन के दौरान जो मधेसी नेपाल से भारत में शरण लिए, श्रीलंका के अंदर लिट्टे आंदोलन के दौरान तत्कालीन लंका सरकार के उत्पीड़न की शिकार लाखों तमिल शरणार्थी दक्षिण भारत के राज्यों में रह रहे है। उन्हें नागरिकता से वंचित किया जा रहा है ।

श्री सिंह ने यह भी कहा कि
सर्वोच्च न्यायालय ने विगत 1 माह पूर्व आदेश पारित किया था कि किसान पराली न जलावे किसानों का उत्पीड़न भी ना किया जाए और लघु सीमांत किसानों को ₹100 प्रति कुंतल अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए।
उत्तर प्रदेश की सरकार आधे फैसले को ही लागू कर रही है। सपा की मांग है कि सर्वोच्च न्यायालय के संपूर्ण फैसले को लागू किया जाए।
गन्ना किसानों ₹1 भी कुंतल मूल्य नहीं बढ़ाया गया । गन्ना किसानों का मूल्य बढ़ाने और बकाया मूल्य भुगतान करने हेतु 19 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर सपा द्वारा प्रदेश विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने जनपद के समस्त किसानों
बुद्धिजीवी वर्ग धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले लोगों से अपील किया हैं कि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन में सम्मिलित होकर सरकार को जनहित में फैसला लेने के लिए बाध्य करे।

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