महराजगंज: हौसले के हुनर से नजीर बनी कमलावती

महराजगंज: हौसले के हुनर से नजीर बनी कमलावती

महराजगंज: हौसले के हुनर से नजीर बनी कमलावती

स्वास्थ्य विभाग में उत्कृष्ट कार्यों के लिए हो चुकी है सम्मानित-प्रतिभा की बदौलत आशा से आशा संगिनी तक का तय किया सफ़र।
आईएन न्यूज महराजगंज डेस्क: कुछ परिन्दे उड़ रहे आँधियों के सामने, उनमें ताकत न सही पर हौसला होगा जरूर। इसे चरितार्थ कर रहीं आशा संगिनी बनी कमलावती, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में चुनौती का सामना करते हुए आशा से आशा संगिनी तक का सफर तय कर नजीर पेश किया। इनके इस बेहतर कार्य के लिए विभाग द्वारा उन्हें सम्मानित व पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
सदर ब्लाक के ग्राम अमरूतिया निवासीनी कमलावती( 47) का चयन वर्ष वर्ष 2006 में आशा कार्यकर्ता पद पर हो गया। आशा पद पर चयन होने के बाद कमलावती ने सबसे पहला गांव में लोगों को साफ सफाई, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने लगी।
अपने उत्कृष्ट कार्यो की बदौलत कमलावती 23 अगस्त 2013 की आशा सम्मेलन में, 31 अगस्त 2014 की आशा सम्मेलन में सम्मानित हुई। वर्ष 2014 में ही कमलावती के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए आशा संगिनी बना दिया गया। अब वह 38 आशा कार्यकर्ताओं का सुपरवीजन करती है। बतौर आशा संगिनी कमलावती को वर्ष 2015-16 में वर्ष 2016-17 तथा वर्ष 2017-18 में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सम्मानित व पुरस्कृत हो चुकी है।
भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे टीकाकरण, स्तनपान, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल, पल्स पोलियो अभियान,प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना,संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, जननी सुरक्षा योजना आदि के बारें में सक्रिय सहयोग करने की पहल करती है।
कमलावती ने बताया कि जब वह गांव के लोगों को संस्थागत प्रसव, टीकाकरण आदि के लिए प्रेरित करती थी तो लोग उसकी बातों पर ध्यान नहीं देते थे, फिर लोगों को समझाने के लिए ग्राम प्रधान व एएनएम से सहयोग लेती रही। अब आशा संगिनी बनने के बाद आशा कार्यकर्ताओं से मिलने तथा पर्यवेक्षण के लिए साईकिल से ही दूर दराज के गांवों में जाती हैं।
ग्राम पंचायत अमरूतिया के पासी टोला निवासीनी इंदू ने बताया कि आशा कार्यकर्ता कमलावती द्वारा मुझे गर्भावस्था के दौरान तरह-तरह की जानकारी दी गई। प्रसव के लिए वह सरकारी अस्पताल ले गईं, जहां पर सुरक्षित प्रसव कराया। साथ ही 1400 रुपये भी दिलवाया। जब भी गांव में कोई बैठक करती थी जरूर बुलाती रहीं।
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मूंगफली का व्यवसाय कर सुदृढ कर रही आर्थिक स्थिति

वैसे तो अपनी गरीबी दूर करने के लिए कमलावती ने स्वरोजगार अपनाने की दिशा में काफी प्रयास किया। इसी क्रम में वह फील्ड विज़िट और आफिशियल कार्य के बाद मूंगफली का भी व्यवसाय करती है।
कमलावती ने वर्ष 2000 में जिला नगरीय विकास अभिकरण की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मिठाई डिब्बा, फाइल बनाने का तथा वर्ष 2005 में सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया।
कमलावती मढ़ने अपनी परिश्रम की बदौलत अपना बेटे नीतिश को तीन वर्षीय डिप्लोमा कराया। जबकि छोटी बेटी अस्मिता को आईटीआई करें रही है। बड़ी बेटी पिंकी की शादी हो चुकी है।
महराजगंज उ०प्र० 30 दिसम्बर 2019

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