संचारी रोग नियंत्रण पर नहीं निकलेगी स्कूली बच्चों की जागरूकता रैली
संचारी रोग नियंत्रण पर नहीं निकलेगी स्कूली बच्चों की जागरूकता रैली।
नए अंदाज में चलेगा संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान
नहीं निकलेगी स्कूली बच्चों की जागरूकता रैली, लाउडस्पीकर से होगा प्रचार।
आई एन न्यूज महराजगंज डेस्क:
इस बार पहली जुलाई से संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान नए अंदाज में चलेगा। इस बार न ही स्कूली बच्चों की जागरूकता रैली निकाली जाएगी, और न ही प्रधानों द्वारा प्रभातफेरी। अलबत्ता लाउडस्पीकर से ही प्रचार प्रसार किया जाएगा। अभियान में फिज़िकल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए संचारी रोग के नोडल अधिकारी डाँ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि यह अभियान आगामी 1 जुलाई से जिले में चलाया जाएगा। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही सभी 10 विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।
कोरोना के चलते इस बार अभियान के शुभारंभ के दौरान न तो स्कूली बच्चों की रैलियां निकाली जाएंगी और न ही ग्राम पंचायतों में प्रभातफेरी । गांवों में लार्वीसाइड्स का छिड़काव किया जाएगा। तालाबों की भी सफाई की जाएगी। इसके अन्तर्गत आने वाले सभी विभागों को उनकी सारी गतिविधियों के बारे में जानकारी दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के स्तर से सभी विभागों से तैयारी करने, कोविड को लेकर जागरुकता के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
जलभराव के साथ ही मच्छर पैदा करने वाले कारकों को भी दूर किया जाएगा। कृषि विभाग के द्वारा आवासीय क्षेत्रों के आसपास छछून्दर व चूहों आदि को नियंत्रित करने की व्यवस्था की जाएगी। सूअरबाड़ों को आबादी से दूर किया जाएगा।
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अभियान की महत्वपूर्ण तिथियां
-जिला टास्क फोर्स की बैठक 24 व 25 जून को।
-प्रधानों व नोडल टीचर्स को प्रशिक्षण 26 जून को।
-सभी विभागों का एक्शन प्लान-26 व 27 जून तक
-फ्रंट लाइन वर्कर को प्रशिक्षण
24 जून से 5 जुलाई तक।
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इन विभागों की भी होगी सहभागिता
संचारी रोग नियंत्रण अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम/ शहरी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग की सहभागिता होगी। अभियान में डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ जैसी कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग करेंगी ।
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जिले में जेई/ एईएस के मिले केस का विवरण:
जिलेमें जेई/एईएस केस की वर्षवार स्थिति
वर्ष———केस———मृत्यु
2015——334———–56
2016——-390———–70
2017——–437———-68
2018——–252———-26
2019——–189———-15
2020———-15———-02
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