हर छठ पूजा व्रत——–
हर छठ पूजा व्रत—–
धूम धाम से मना रहीं हैं महिलाएं
आज हल छठ पर्व का दिन है। यह त्योहार हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्टी को मनाया जाता है और हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महिलाएं इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मना रहीं हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। बलराम जी का प्रधान शस्त्र हल और मूसल है।
इसी कारण उन्हें हलधर भी कहा जाता है।
यह हर छठ पर्व सभी पुत्रवती महिलाएं मनाती है। यह व्रत पुत्रों की दीर्घ आयु और उनकी सम्पन्नता के लिए किया जाता है। इस व्रत में महिलाएं प्रति पुत्र के हिसाब से छह छोटे मिटटी या चीनी के वर्तनों में पांच या सात भुने हुए अनाज या मेवा भरतीं हैं।
हर छठ के दिन सभी महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रखती है।
इस दिन हल, मूसल और बैल को पूजा जाता है। इस दिन हल से जूते अनाज और सब्जियों का उपयोग नही की जाती है और हल का भी इस्तेमाल नही किया जाता है।
इस दिन जो महिलाएं व्रत रखती हैं वो महुआ के दातुन से दाँत साफ करती हैं।
इस व्रत का समापन भैंस के दूध से बने दही से और महुवा को पलाश के पत्ते पर खाकर किया जाता है।
इस त्योहार को शहर से लेकर गाँवों तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है।