नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को आत्मनिर्भर बनाने में होगी मददगार : राष्ट्रपति

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को आत्मनिर्भर बनाने में होगी मददगार : राष्ट्रपति

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को आत्मनिर्भर बनाने में होगी मददगार : राष्ट्रपति

आई एन न्यूज नई दिल्ली डेस्क : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि व्यापक भागीदारी के साथ तैयार की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप है। यह देश को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होगी।

राष्ट्रपति ने उच्च शिक्षा में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन’ पर कुलाध्यक्ष सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य समावेशी और उत्कृष्टता के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करके 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करना है।

उन्होंने कहा कि यह देश की उम्मीदों को पूरा करने में अहम है। इसमें पढ़ने के बजाय सीखने पर जोर दिया गया है। देश में शोध की संस्कृति को बढ़ावा देने पर बल देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षण संस्थान नवाचार के केंद्र होने चाहिए।

कोविंद ने कहा कि, 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 12,500 से अधिक स्थानीय निकायों और लगभग 675 जिलों की व्यापक भागीदारी तथा दो लाख से अधिक सुझावों पर विचार के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है जो कि जमीनी स्तर की सोच और समझ को दर्शाती है।

उन्होंने शिक्षक और छात्रों के बीच मुक्त चर्चा की अवधारणा को दोहराते हुए भगवद गीता और कृष्ण-अर्जुन संवाद से प्रेरणा लेने के महत्व को भी रेखांकित किया। कोविंद ने कहा कि नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण सोच और अनुसंधान करने की भावना को प्रोत्साहित करने का प्रयास भी करती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन से तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों के समय पर रहे ऐतिहासिक भारतीय गौरव के एक बार फिर से पुनर्स्थापित होने की संभावना है।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान यह भी बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात-जीईआर को वर्ष 2035 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग भी व्यापक स्तर पर किया जा सकता है। ऑनलाइन शिक्षा विशेष रूप से महिलाओं या फिर उन लोगों को फायदा पंहुचा सकती है, जिनके पास शैक्षिक संस्थानों तक पहुंचने की उपलब्धता नहीं है। इन सबके अलावा अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी इसका लाभ मिल सकता है।

आंकड़ों का हवाला देते हुए कोविंद ने कहा कि 2018-19 के लिए हुए ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन के अनुसार, महिलाओं का सकल नामांकन अनुपात पुरुषों की तुलना में थोड़ा अधिक है। हालांकि, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और विशेष रूप से तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महिला छात्रों की हिस्सेदारी बेहद कम है।

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि नई शिक्षा नीति ने निष्पक्षता और समावेश पर ध्यान केंद्रित किया है, राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा में इस तरह की लैंगिक असमानता को दुरुस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इन सब में उन संस्थानों के प्रमुख की भूमिका रहेगी, जिनका शिक्षकों और छात्रों पर गहरा प्रभाव होता है, इसलिए संगठनों के प्रमुखों को नई शिक्षा नीति को लागू करने में सक्रिय रुचि लेनी चाहिए। सम्मेलन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा आईआईटी, एनआईटी और एसपीए आदि के निदेशकों ने भी हिस्सा लिया।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Translate »
  1. ब्रेकिंग न्यूज़: ऊ०प्र०- जिले की हर छोटी बड़ी खबर लाइव देखने के लिए
  2. जुड़े रहे इंडोनेपालन्यूज़ के फेसबुक पेज से, शहर के हर छोटी बड़ी खबर हम आपको लाइव दिखाएंगे