बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार वापस, यूपी सरकार ने निजीकरण को 15 जनवरी तक टाला
बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार वापस, यूपी सरकार ने निजीकरण को 15 जनवरी तक टाला
आई एन न्यूज लखनऊ डेस्क: निजीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और बिजली विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक में बिजली व्यवस्था के निजीकरण को 15 जनवरी, 2021 तक टाल दिया गया है।
इस फैसले के बाद बिजलीकर्मियों की अनिश्चिकालीन हड़ताल को कर्मचारी संगठनों ने वापस ले लिया है। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से मंत्रियों के साथ आला अधिकारियों को लेकर हाइलेवल बैठक भी की थी।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निजी हाथ में सौंपने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ बिजलीकर्मियों की घोषित अनिश्चिकालीन हड़ताल का दो दिनों से बड़ा असर हो रहा। प्रदेश में करीब 30 घंटे से 27 से 30 जिले इससे काफी प्रभावित रही। पानी नहीं आने से कई जगह हाहाकार मचा रहा। सरकार के फैसले के खिलाफ कर्मचारी विरोध में डटे रहे। इन लोगों ने कई जगह पर बिजली काटी। बिजली ना आने से कई जिलों में पेयजल न होने के कारण हालात बिगड़ गए।
कार्य बहिष्कार के पहले ही दिन कई मंत्रियों के यहां बिजली गुल हो गई।
प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों के साथ ही सूबे की राजधानी लखनऊ में भी बजली संकट खड़ा हो गया। लोग इसके कारण काफी परेशानी में थे। वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, कानपुर, आगरा, बरेली, मुरादाबाद, महराजगंज के साथ अन्य सभी जिलों में बिजली का संकट गहरा गया। निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मी ब्रेकडाउन की शिकायतें भी नहीं ली।
उत्तर प्रदेश के पूरब में 27 से 30 जिलों में बिजली की किल्लत झेल रहे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोग पीने के पानी को लेकर काफी परेशान हैं। 30 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है। बिजली आपूर्ति बंद पड़ी है।
ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच सोमवार को जिस समझौते पर सहमति बनी थी। घाटे को कम करने के लिए कर्मचारियों को सुधार के लिए मौका दिया गया था। मंत्री ने सुधार के लिए बिजली कर्मचारियों को 31 मार्च तक का समय दिया था, जिसके बाद मार्च तक पूर्वांचल विधुत वितरण निगम के निजीकरण को टालने पर सहमति बनी थी। बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया था, लेकिन यूपीपीसीएल चेयरमैन अरविंद कुमार इसके लिए तैयार नहीं हुए और बात बिगड़ गई थी।