गौतम बुद्ध ननिहाल देवदह के टीले पर गूँजा बुद्धम शरणम गच्छामि
गौतम बुद्ध ननिहाल देवदह के टीले पर गूँजा बुद्धम शरणम गच्छामि
अब दुनिया को युद्ध की नही बल्कि बुद्ध की जरूर, बौद्ध सम्मेलन में उपस्थित बौद्ध भिक्षु व जनप्रतिनिधि
आई एन न्यूज लक्ष्मीपु१ डेस्क:
लक्ष्मीपुर के बनर्सिहा कला देवदह गौतम बुद्ध के ननिहाल प्राचीन टीले पर बुधवार को बौद्ध सम्मेलन आयोजन किया गया। सम्मेलन में देश के बौद्ध स्थलों से आये बौद्ध भिक्षुओं ने बौद्ध धर्म को ध्यान, ज्ञान व दया का मार्ग बताया। बौद्ध भिक्षुओं के उद्घोष से बौद्ध टीले बुद्धम शरणम गच्छामि से गूंज उठे।
बौद्ध सम्मेलन का आरम्भ तथागत गौतम बुद्ध वंदना, त्रिशरण व पंचशील से हुआ। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये श्रवण कुमार पटेल ने कहा कि बौद्ध धर्म ध्यान, ज्ञान व दया पर आधारित है। इसमें अहिंसा और परोपकार को विशेष महत्व दिया गया है। बौद्ध धर्म प्राचीन धर्मों में से एक है जो पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध के पंचशील सिद्धांत अपना कर जीवन को सुखमय बना सकते हैं। राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का रास्ता बौद्ध धर्म मे समाहित है। इंजीनियर भागीरथी ने बौद्ध सम्मेलन में उपस्थित धर्मावलंबियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि गौतम बुद्ध ने कहा था कि प्राणी मात्र की हिंसा से विरत रहना, चोरी करने या जो दिया नही गया है उसको लेने से विरत रहना, लैंगिक दुराचार या व्यभिचार से विरत रहना, असत्य बोलने से विरत रहना, मादक पदार्थॊं से विरत रह कर हम समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये रामचंद्र बौद्ध ने कहा गौतम बुद्ध का ननिहाल देवदह का विकास होने की अत्यंत आवश्यक है। देवदह के विकास से क्षेत्र ही नही सम्पूर्ण प्रेदश का विकास होगा। युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। जिसके लिये देश व प्रदेश की सरकार को गंभीरता से लेने की जरूरत है। अब दुनिया को युद्ध नही बुद्ध की जरूर है।
कार्यक्रम का संचालन देवदह बौद्ध विकास समिति के अध्यक्ष जितेंद्र राव ने किया। इस अवसर पर महिपाल, गुना बंग, संघ मित्रा, लक्ष्मीचंद्र पटेल, महेंद्र जायसवाल, प्रह्लाद गौतम, त्रिभुवन, शंकर प्रसाद, शैलेश कुमार भारती, कोदई, सन्तराम, पलटन प्रसाद, संगीत भारती,अजय, रामलगन गौतम,प्रमिला भारती, रोहित कुमार, कृष कुमार आदि उपस्थित रहे।
महाराजगंज उत्तर प्रदेश।