न पीना हराम है, ना पिलाना हराम है, पीकर के सरेराह लुढ़क जाना हराम है
न पीना हराम है, ना पिलाना हराम है, पीकर के सरेराह लुढ़क जाना हराम है
आई एन न्यूज नौतनवा डेस्क:
नौतनवा कस्बे में एक तथाकथित पत्रकार अपना मानसिक संतुलन खो दिया है । सुबह से लेकर शाम तक शराब के नशे में धुत होकर अनर्गल प्रलाप करते फिर रहा है। इस पेंडुलम कथा कथित पत्रकार को खबरों से या सामाजिक सरोकार से तो कोई मतलब नहीं है। सिर्फ मतलब है शराब से जहां शराब नहीं मिला वहां बात का बतंगड़ कर अनर्गल प्रलाप शुरू कर देता है। इसी कारण इसे गांव से भगाकर लोगों ने शहर में भेज दिया ताकि शहर में सुधर जाएगा । लेकिन यहां सुधरने के बजाय यह तो और बिगड़ गया। इस तथाकथित पत्रकार पर यह कथन सटीक बैठता है।
न पीना हराम है, ना पिलाना हराम है, पीकर के सरेराह लुढ़क जाना है हराम है।