डोप टेस्ट मे नरसिह फेल, प्रधानमंंत्री तक पहुंचा मामला****
देश की उम्मीदों को धोखा देने के बारे में सोच भी नहीं सकता’ – नरसिंह
रियो ओलिंपिक में भारत की ओर से नरसिंह यादव के प्रतिनिधित्व का विवाद प्रधानमंत्री तक पहुंच गया है। किसी साजिश के तहत कुश्ती में 74 किलो वर्ग में भारत की ओर से चयनित नरसिंह यादव डोप टेस्ट में फेल हो गए, जिस वजह से उनके रियो जाने पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं।
इस बीच फेडरेशन खुलकर नरसिंह का समर्थन कर रहा है और इसी क्रम में कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण यादव ने पीएम मोदी से मुलाकात की। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री ने इसकी कॉपी की भी मांग की है।
डोप टेस्ट में फेल होने के बाद नरसिंह यादव ने शिकायत की थी कि उनके खिलाफ साजिश की गई है। उनके खाने में दवाई मिलाई गई थी, जिससे वह डोप टेस्ट में फेल हो गए थे। डोप टेस्ट में जो दवाई पाई गई है वह मसल्स बढ़ाने वाली दवाई है, जिसका इस्तेमाल पहलवान नहीं करते हैं। नरसिंह की शिकायत से कुश्ती संघ संतुष्ट है और उन्होंने पीएम मोदी को इस शिकायत से अवगत कराया है।
नरसिंह के समर्थन में आते हुए फेडरेशन (कुश्ती संघ) के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है और उन्हें उम्मीद है की कमेटी नरसिंह के साथ न्याय करेगी। इसके अलावा नरसिंह के संबंध में दलीलें देते हुए संघ का कहना है कि नरसिंह और उनके साथी संदीप तुलसी यादव दोनों के शरीर में एक ही पदार्थ पाया गया है और यह संदेह का विषय है।
साथ ही उन्हें नरसिंह जिस कैंप में रहते हैं, उसकी एक महिला इन्चार्ज पर शक भी है। संघ का कहना है कि कैंप स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अंडर आता है, ना कि कुश्ती संघ के।
डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर नरसिंह यादव का कहना है कि वह जानते हैं कि डोपिंग क्या होती है और उन्होंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया। उनकी शिकायत है कि उन्हें इस मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है।
उनका मानना है कि भीड़-भाड़ के वक्त कोई भी आसानी से खाने-पीने के सामान में कुछ मिला सकता है। साथ ही नरसिंह ने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की है।
देश की उम्मीदों को धोखा देने के बारे में सोच भी नहीं सकता
नरसिंह ने अपने बयान में कहा, “इस पूरे कांड के पीछे किसी की साजिश है। किसी ने मेरे खाने-पीने में मिलावट की है। मुझे इस बात पर खुशी है कि मैने घरेलू और विदेश हर प्रतियोगिता में खुद को साबित किया है और ईमानदारी से जीता है। मैं ऐसा ही करता रहूँगा। मैं एक जिम्मेदार रेसलर हूँ और देश की उम्मीदों और भावनाओं की कद्र करता हूँ। मैं उस उम्मीद को धोखा देने के बारे में सोच भी नहीं सकता।”
ओलंपिक दावेदारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है
नरसिंह की ओलंपिक दावेदारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और उनके लिए दरवाजे अब भी खुल सकते हैं। बुधवार को होने वाली फेडरेशन की सुनवाई के बाद बृहस्पतिवार को फैसला आएगा की नरसिंह रियो ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेगे या नहीं। वहीँ अगर नरसिंह दोषी पाए गए, तो 26 साल के इस पहलवान को 4 साल का प्रतिबंध झेलना पड़ सकता है।