एक दिन हम सब होंगें कामयाब -शमशाद आलम राइन
एक दिन हम सब होंगें कामयाब —शमशाद आलम राइन
आई एन न्यूज गोरखपुर डेस्क:
बाराबंकी जिले में स्थिति सौ साल पुरानी गरीब नवाज़ मस्जिद जो जिला प्रशासन ने अपनी सह पर कोर्ट के खिलाफ जाकर रातो रात शहीद कर दिया जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश है।
उक्त बाते आज गोरखपुर में राट्रीय मानवधिकार संघ भारत के राट्रीय उपाध्यक्ष शमशाद आलम राईन ने पत्रकारो से बात चीत में इस कायराना हरकत पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है की हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने जनरल आर्डर पास किया था कि इस महामारी में किसी तरह की बैंक नीलामी, डिमाॅलिशन, उत्पीड़न की कार्रवाई 31 मई तक नहीं की जाएगी। फिर रातो रात ऐसी क्या इमरजेंसी आ गई कि मस्जिद डिमाॅलिशन कर दी गई? ज़ाहिर है सरकार इस महामारी में बुरी तरह एक्सपोज़ हो गई है। लिहाज़ा इनके कट्टर मतदाताओं में भी सरकार के खिलाफ बहुत गुस्सा है, जिससे मौजूदा सरकार का ऑक्सीजन लेवल बेहद कम हो गया है। इस डैमेज कंट्रोल के लिए एंटी मुस्लिम एक्टिविटी ही इस सरकार का आक्सीजन लेवल बढ़ा सकती थी। सो कार्रवाई कर दी गई।
इस ख़बर को गोदी मीडिया ने भले ही वरियता ना दी हो लेकिन गार्जियन जैसे बड़े न्यूज एजेंसी ने बता दिया कि पूरी दुनिया में सरकारी मानसिकता की थू थू हो रही है। तमाम इंडेक्स में भारत गिरता जा रहा है, रूल आफ लाॅ में भारत की साख गिर कर 69वें पायदान पर हो गई है। लेकिन इससे सरकार या उसके अंधभक्त मतदाताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता। क्यूंकि इनके लिए छवि तो सिर्फ भारतवर्ष की धूमिल हो रही है । जिसे सुधारने की जिम्मेदारी तो सिर्फ खालसा-एड एवं उन संगठनों की है जो बिना किसी धार्मिक भेद भाव के कोविड मरीजों की हर सम्भव मदद के साथ साथ उनकी अर्थी का ससम्मान अन्तिम संस्कार भी कर रहे है।