कोरोना काल में गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम दम्पत्ति की पहली पसंद–डॉ. नंद कुमार

कोरोना काल में गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम दम्पत्ति की पहली पसंद--डॉ. नंद कुमार

कोरोना काल में गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम दम्पत्ति की पहली पसंद–डॉ. नंद कुमार

शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों पर रहा लोगों का जोर,अंतरा, छाया, कंडोम, माला एन जैसी सुविधाओं को भी मांग पर उपलब्ध कराया गया।

आई एन न्यूज गोरखपुर डेस्क:
कोविड काल में भी गोरखपुर शहर परिवार नियोजन कार्यक्रमों के प्रति सजग रहा। लोगों ने नियोजित परिवार के लिए गर्भनिरोधक गोलियों और कंडोम जैसे अस्थायी साधनों पर विशेष जोर दिया। अंतरा, छाया, कंडोम, माला एन जैसी सुविधाओं को भी मांग पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
उक्त बाते आज अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) डॉ. नंद कुमार ने इंडो नेपाल न्यूज़ को बताया कि एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच शहर के 23 स्वास्थ्य केंद्रों, जिला महिला अस्पताल, जननी सूर्या क्लिनिक और बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के जरिये कोविड काल में भी सेवाएं अनवरत जारी रहीं। आशा कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समुदाय को इन सेवाओं से जोड़ा। सरकार की तरफ से शुरू किये गये और प्रत्येक माह की 21 तारीख को मनाए जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस का भी सकारात्मक परिणाम सामने आया। पिछले वित्तीय वर्ष के 9332 साप्ताहिक गोली छाया के सापेक्ष 17384 गोली, 3.7 लाख कंडोम के सापेक्ष 4.98 लाख कंडोम, 7881 इमर्जेंसी पिल्स के सापेक्ष 16190 और 19066 माला एन गोली के सापेक्ष 28391 गोलियां उपयोग की गयीं। उन्होंने बताया कि कुछ समय तक ओपीडी न चलने के कारण आईयूसीडी की संख्या 9179 के सापेक्ष महज 5820 रही। जहां पिछले वित्तीय वर्ष (2019-2020) में 487 नसबंदी हुई थी वहीं गुजरे वित्तीय वर्ष में 423 नसबंदी हुई। दोनों वित्तीय वर्ष में पुरुष नसबंदी एक-एक रही। अंतरा के प्रथम डोज 2325 के सापेक्ष 1393, दूसरे डोज 1245 के सापेक्ष 770, तीसरे डोज 480 के सापेक्ष 422 और चौथे डोज 222 के सापेक्ष 470 डोज अंतरा इंजेक्शन महिलाओं ने शहर में चुना। कोविड के सेकेंड वेब में भी आन डिमांड सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं।
डा० श्री कुमार ने यह भी बताया कि इस वित्तीय वर्ष की शुरूआत कोविड से ही हुई है और कोविड का कठिन समय चल रहा है। फिर भी आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया था कि अस्थायी साधन लाभार्थियों को मुहैय्या कराती रहें। आशा कार्यकर्ता लाभार्थी दम्पत्ति के संपर्क में रहती हैं और मांग पर उन्हें परिवार नियोजन के अस्थायी साधन उपलब्ध कराए गये। पीएसआई-टीसीआईएचसी संस्था के स्वयंसेवक इन कार्यक्रमों में शहर के भीतर सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
गोरखपुर उत्तर प्रदेश।

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