गैस, इधन की मूल्य वृद्धि जनता के लिए कष्टकारी…….
संपादक की कलम से
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गैस, इधन की मूल्य वृद्धि जनता के लिए कष्टकारी…….
देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अप्रत्याशित वृद्ध अवश्य सुखद और राहतकारी है, लेकिन पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों में निरंतर वृद्धि आम जनता के लिए अत्यंत ही कष्टकारी है। महंगाई का पहले से ही दंश झेल रही जनता काधैर्य अब टूटने के कगार पर है । घरेलू रसोई गैस का मूल्य प्रति सिलेंडर ₹900 से ऊपर चला गया है । सितंबर महीने के प्रथम दिन ही 14.2 किलो वजन वाले सिलेंडर का मूल्य ₹25 बढ़ा दिया गया, जब की व्यापारिक उपयोग में आने वाले गैस सिलेंडर का मूल्य ₹75 महंगा हो गया चिंता की बात यह भी है कि निकट भविष्य में ईंधन गैस के मूल्य में वृद्धि से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस वर्ष जुलाई से गैस सिलेंडर के मूल्य लगातार बढ़ रहे हैं। 2 माह के अंदर इसका मूल्य ₹75 बढ़ गया। जुलाई के बाद से सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में तीसरी बरा वृद्धि हुई है। बुधवार को चौथी बार ₹25 मूल्य बढ़ा दिया गया। 1 जनवरी 2021 से अब तक रसोई गैस सिलेंडर ₹190 महंगा हो गया। जिस गति से गैस सिलेंडरों का मूल्य बढ़ाए जा रहे हैं। उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शीघ्र ही इसका मूल चार अंकों में पहुंच जाएगा, क्योंकि वर्तमान में वाराणसी में ₹949 के स्तर पर पहुंच गया है। ईंधन गैस हर परिवार की आवश्यक आवश्यकता है। भोजन बनाने का यह सुगम साधन है, लेकिन इसकी बढ़ती कीमतों से घरों का बजट बिगड़ गया है। गृहणिओ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनमें अब आक्रोश बढ़ने लगा है। ईंधन गैस पर मिलने वाली सब्सिडी भी कम हो गई है। आम उपभोक्ता आर्थिक संकट में हैं। पेट्रोल और डीजल का मूल्य बढ़ने से सभी आवश्यक सेवाए महंगी हो गई है। परिवहन की लागत बढ़ने से आवश्यक वस्तुओं के मूल्य बढ़ गए हैं ।पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अभी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती है। क्योंकि कच्चे तेल का मूल्य69-72 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बना हुआ। कंपनियों का कहना है कि 1 महीने में कच्चा तेल अवश्य कुछ सस्ता हुआ है। कच्चे तेल के उत्पादक और निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमति दे दी है, जिससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद बढ़ी है, लेकिन जब तक पेट्रोलियम पदार्थों उत्पादों को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा तब तक इस प्रकार कि महंगाई का दंश झेलना पड़ेगा।
इंडो नेपाल न्यूज़।