विभिन्न देशों को मोदी की नसीहत
संपादक की कलम से—
विभिन्न देशों को मोदी की नसीहत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से 25 सितंबर 2021 को पड़ोसी देशों का नाम लिए बगैर पाकिस्तान और चीन को न सिर्फ खरी-खरी सुनाई बल्कि उन्हें नसीहत दी। उन्होंने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताते हुए इशारों में ही जहां पाकिस्तान को इसका सबसे बड़ा शरणदाता बताया वही समुद्री स्वतंत्रता पर चीन को भी जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने आतंकवाद को पालने वाले को सुधारने की नसीहत देते हुए कहा कि आतंकवाद का राजनीतिक इस्तेमाल करने वाले देश यह न भूले कि यह खतरा उनके लिए भी बनेगा। अगर अभी नहीं सम्भले तो खुद ही इसकी लपटों में झूलस जाएंगे। प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य के निहितार्थ को समझने की जरूरत है। यह विश्व के सभी देशों को संदेश है। आतंकवाद को अलग अलग तरीके से परिभाषित नहीं किया जा सकता है। आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है जो मानवता को शर्मसार करने वाला है। इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। दुनिया के समक्ष रूढ़िवादी सोच और चरमपंथ का खतरा दिनों दिन बढ़ रहा है जो मौजूदा दौर में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी चुनौती है । इसे एकजुट होकर रोकना ही होगा, क्योंकि विश्व की शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इससे निपटने के लिए विश्व स्तर पर बाध्यकारी रणनीति बनाने की जरूरत है। इस समय तालिबान की स्थिति बेहद नाजुक है। वहा तालिबान आतंकवादियों का कब्जा है और आतंकी सरकार सत्ता में है। इस पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी को बढ़ावा देना और आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं हो। इससे सतर्क रहना होगा कि अफगानिस्तान के मौजूदा स्थितियों का फायदा कोई अपने लिए नहीं उठाये। संकटग्रस्त अफगानिस्तान के लोगों की मदद हमारा कर्तव्य है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वहा मानवता का संरक्षण हो। प्रधानमंत्री अपने संबोधन में हिंद प्रशांत क्षेत्र में दखल बढ़ा रहे चीन को भी परोक्ष रूप से नीति का पाठ पढ़ाया। समुद्र विश्व की साझी धरोहर है, इसका उपयोग अंतर्राष्ट्रीय कारोबार के लिए होता है। इसमें विस्तारबाद और सभी तरह के र की रोक-टोक की होड़ से बचने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। आतंकवाद और समुद्र में वर्चस्व की होड़ को नियंत्रित करने में संयुक्त राष्ट्र हित महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । इसके लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
(इंडो नेपाल न्यूज़)