छोटी दिवाली आज, मनेगी नरक चतुर्दशी, जानिए क्या है महत्व
छोटी दिवाली आज, मनेगी नरक चतुर्दशी, जानिए क्या है महत्व
यानी आज नरक चतुर्दशी एवं छोटी दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर तेल या उबटन लगाकर मालिश करने के बाद स्नान करना चाहिए। विधि-विधान से मृत्यु के देवता यमराज पूजा करनी चाहिए। शाम को दीपदान किया जाता है।
वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी और हनुमान जयंती मनाई जाएगी। इस दिन त्रयोदशी सुबह सात बजकर 14 मिनट तक है। अगले दिन सुबह पांच बजकर 31 मिनट तक चतुर्दशी तिथि का मान है। इस दिन प्रीति योग और आनंद नामक महा औदायिक योग भी है। प्रीति योग समरसता का भाव जगाता है तो आनंद महाऔदायिक योग सुख प्राप्ति का कारक बनता है।
ये है महत्व
पंडित शरद चंद्र मिश्रा के अनुसार, धन की देवी लक्ष्मी उसी घर में आती है जहां सुंदरता और पवित्रता होती है। नरक चतुर्थी के दिन घर में सफाई जरूर करनी चाहिए। घर में किसी प्रकार का टूटा हुआ सजावटी सामान, बेकार फर्नीचर व अन्य उपयोग में न आने वाली वस्तुओं को यमराज का नरक माना जाता है। इसलिए इन्हें इस दिन घर से बाहर कर देना चाहिए। इस दिन सूर्योदय से पहले तेल और उबटन लगाकर स्नान करने का विधान है। प्रात: स्नान से सौंदर्य की प्राप्ति होती है और शरीर में दिव्य शक्ति का संचार होता है। कई प्रकार के रोगों से छुटकारा भी मिलता है।
पौराणिक मान्यताएं
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, पहली मान्यता यह है कि भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर को इसी दिन मारकर धरतीवासियों को भय से मुक्ति दिलाई थी। इसी खुशी में उत्सव मनाया जाता है और दीपमालाएं आयोजित होती हैं। इसी कारण इसे छोटी दिवाली कहते हैं। दूसरी मान्यता यह है कि राजा बलि को भगवान विष्णु ने प्रतिवर्ष इन तीन दिनों का राजा बनाने की व्यवस्था की है। बलि के राज्य में दीपमालाओं का आयोजन करने से स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। तीसरी मान्यता के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए यह तिथि हनुमान जयंती के रूप में मनाई जाती है।
ऐसे करें दीपदान
छोटी दिवाली के दिन घर के सबसे बड़े सदस्य को यम के नाम का एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद उस दीये को पूरे घर में घुमाना चाहिए। फिर घर के बाहर जाकर कहीं दूर रख देना चाहिए। इस दौरान घर के दूसरे सदस्य घर में ही रहें और इस दीपक को न देखें। (साभार अमर उजाला)