अपने विचार ———————— इस्लामिक आतंकवाद और इस्लाम पर विशेष
अपने विचार ————————
इस्लामिक आतंकवाद और इस्लाम पर विशेष——–
साथियों,
आतंकवाद का साया धीरे धीरे पूरी दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा है। इस्लामिक आतंकवाद धीरे धीरे इस्लाम को कंलकित कर इस्लाम के मानने वालों के लिये अभिशाप साबित हो रहा है।भारत देश में पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देकरब अपनी पुरानी दुश्मनी अदा करने में दशकों से जुटा हुआ है।पाकिस्तानी की जरजमी आजादी के बाद से ही आतंकवादियों के लिये वरदान साबित हो रही है और उसे पनपने बढ़ने का पूरा अवसर मिल रहा है।पाकिस्तान भले ही हमारे देश में आतंकवाद को संरक्षण देकर उसे बढ़ावा दे रहा हो लेकिन वह भी आतंकवाद की चपेट में है और इस्लामिक आतंकी इस्लाम मानने वालों की भी जान नहीं बख्श रहें हैं।अभी पिछले महीने ही पाकिस्तान में आतंकी हमला हो चुका है और बदले में पाकिस्तान सरकार सैकड़ों आतंकवादियों की हत्या कर चुकी है।अब तक भारत में बाहरी लोगों को आतंकी बनाकर भेजा जाता था लेकिन इधर आतंकी संगठनों ने अपनी कार्यशैली बदल ली है और अब वह भारतीयों को ही आतंकी बनाकर भेजने लगें है।हर आतंकी घटना में अपने देश के लोगों का किसी न किसी रूप में नाम प्रकाश में आता जरूर है।आतंकवादियों ने पूरे इस्लामिक समाज को कटघरे में खड़ा कर दिया है जबकि कभी कोई पूरा समाज एक जैसा नहीं होता है।अभी पिछले महीने ही कानपुर में ट्रेन हादसा हुआ था और बाद में पता चला कि इस घटना के पीछे भी आतंकवादियों का हाथ था।अभी सुरक्षा एजेंसियाँ कानपुर हादसे की तह तक पहुँची ही थी कि इसी बीच परसों एक और ट्रेन के अंदर बम विस्फोट करके बड़े हादसे को अंजाम देने की कोशिश की गयी। इसे ऊपर वाले की कृपा ही कहा जायेगा कि इसमें किसी की जान नहीं गयी लेकिन तमाम लोग घायल जरूर हो गये । मध्यप्रदेश में ट्रेन में बम विस्फोट करने वाले आतंकी कोई पाकिस्तान से नहीं आये हैं बल्कि वह सभी हमारे आपके बीच के रहने वाले है ।यह सभी खानदानी आतंकी नहीं हैं बल्कि इनमें से अधिकांश आंतकियो के माता पिता भाई सच्चे राष्ट्र प्रेमी भी हैं।अब तक दुनिया के कोने कोने में अपने देश और प्रदेश से जुड़े तमाम आतंकवादियों के नाम प्रकाश में आ चुके हैं।इस समय भारत में भी आतंकवाद की नर्सरी तैयार की जा रही है और भोले भाले बेरोजगार युवकों को तरह तरह के प्रलोभन देकर उन्हें आतंकी बनाया जा रहा है।आतंकवादी खुद हमला करने कहीं नहीं आते हैं बल्कि हमले उसी देश के बेरोजगार युवाओं को आतंकी बनाकर उन्हीं से कराते हैं।अपने ही लोग आजकल आतंकी बनकर अपनों की जान के सौदागर बने हुये हैं और आतंकी मियाँ की जूती और मियाँ के ही सिर वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। पाकिस्तान की तरह अपने देश के भी कुछ लोग देश के दुश्मन आतंकियो को संरक्षण व पनाह दे रहे हैं।कुछ लोग ऐसे भी गद्दार हैं जो खाते सोते रहते सब हिन्दुस्तान में हैं और काम करते हैं और भला चाहते हैं दुश्मनों का।परसों लखनऊ में मुठभेड़ में मारा गया आतंकी लखनऊ में ही रहता था और कानपुर का रहने वाला था।उसके आतंकी बनने की जानकारी उसे माता भाई तक को नहीं है इसीलिए उनके अंदर उसके प्रति इतनी नफरत पैदा हो गयी कि उन्होंने उसका शव तक लेने से मना कर दिया है।चुनाव समाप्त होते ही आतंकी देश प्रदेश में सक्रिय हो गये हैं तथा विभिन्न स्थानों से हो रही गिरफ्तारी इसका जीता जागता उदाहरण है।आतंकी घटनाओं को अकेला एक आतंकी संगठन नहीं अंजाम नहीं दे रहा है बल्कि अलग अलग कई संगठन हैं जो इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे है।इन सबका लक्ष्य पूरी दुनिया पर राज करना है और वह बिन बुलाये मेहमान की तरह अपने आपको सभी इस्लाम मानने वालों का आका मान रहे हैं।आतंकवाद क्रूरता की सारी हदें पार करता जा रहा है इसके बावजूद दुनिया के जमींदार इसका सर्वनाश नहीं कर पा रहे हैं।इधर कुछ दशकों से उत्तर प्रदेश आंतकियो के फैलने फूलने का सर्वोत्तम स्थान सा बन गया है क्योंकि यहाँ की राजनैतिक परिस्थितियाँ उसके अनुकूल हैं।सिमी जैसे आंतकियों को बेगुनाह कहकर उन्हें छोड़ने की वकालत करने का पूरा फायदा आतंकवादियों को मिल रहा है।राजनैतिक स्वार्थ के लिये देश प्रदेश को आतंकवाद की तरफ अग्रसर करना या संरक्षण देना राष्ट्रहित में उचित नहीं है। धन्यवाद।। भूलचूक गलती माफ।। सुप्रभात / वंदेमातरम् / गुडमार्निग / अदाब / शुभकामनाएँ।। ऊँ भूर्भवः स्वः——–/ ऊँ नमः शिवाय।।।
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भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी
रामसनेहीघाट,बाराबंकी यूपी।
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