होली इतिहास के पन्नों से बीती यादें ———————

होली इतिहास के पन्नों से बीती यादें ---------------------

होली इतिहास के पन्नों से बीती यादें ————————————————-

नूरजहां के साथ किसने खेली थी होली जाने ——-

 मुगल काल में भी होली खेली जाती थी उस समय के इतिहासकार अलबरूनी ने वर्णित किया ,अकबर का जोधा बाई के साथ तथा जहांगीर का नूरजहां के साथ होली खेलने का अंदाज भव्य होता था । मुगल काल की होली के किस्से उत्सुकता जगाने वाले हैं, अलवर संग्रहालय के एक चित्र में जहांगीर को होली खेलते हुए दिखाया गया है । शाहजहां के समय तक होली खेलने का मुगलिया अंदाज ही बदल गया था। इतिहास में वर्णित है कि शाहजहां के समय होली को ईद ए-गुलाबी या आब-ए-पासी (रंगों की बौछार )कहा जाता था। अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के बारे में प्रसिद्ध है कि होली पर उनके मंत्री उन्हें रंग लगाने जाया करते थे । ऐसा नहीं कि होली मुगलकाल में ही खेली जाती थी बल्कि इतिहास के पन्नों को और पलटे तो पाएंगे होली त्यौहार आर्यों के समय भी खेली जाती थी। होली पूर्वी भारत में सदियों से हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। द्वापर युग के बारे में उल्लेखित करते पैराणिक ग्रंथों में श्री कृष्ण द्वारा होली खेलने का वर्णन मिलता है। यह होली प्राकृतिक रंगों और फूलों की होली होती थी। जो आपस मे भेद भाव मिटाते है ।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Translate »
  1. ब्रेकिंग न्यूज़: ऊ०प्र०- जिले की हर छोटी बड़ी खबर लाइव देखने के लिए
  2. जुड़े रहे इंडोनेपालन्यूज़ के फेसबुक पेज से, शहर के हर छोटी बड़ी खबर हम आपको लाइव दिखाएंगे