ट्रैफिक नियमों के डंडे से जा रही लोगों की जान
ट्रैफिक नियमों के डंडे से जा रही लोगों की जान
– सवालों में घिरा सोनौली पुलिस के यातायात नियमों का तरीका
– हादसों को दावत दे रही वाहनों के कटिंग का खेल
आईएन न्यूज, नौतनवा (धर्मेंद्र चौधरी) की रिपोर्ट
सोनौली पुलिस के यातायात नियमों का डंडा सवालों के घेरे में आ गया है। वाहनों की कतार और कंटिग के खेल में पुलिस वसूली में मस्त है। वहीं दूसरी तरफ कतार, कटिंग और ओवरटेक का खेल जानलेवा हादसों को दावत दे रहा है।
बुधवार को 31 वर्षीय परमानंद की दर्दनाक मौत ने पुलिस की क्रिया प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिये हैं। आक्रोश आमजनों में भी दिखा। मार्ग जाम व कोतवाली घेराव कर लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया और पुलिस द्वारा गलत तरीके चलाये जा रहे यातायात नियम के डंडे को खूनी करार दिया।
लोगों के सवाल व आरोप भी लाजमी हैं। आरोप है कि कोतवाली क्षेत्र के महज चार किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर पुलिस के ट्रैफिक नियमों का डंडा मात्र वसूली के लिये ही चलता है। जिसका खामियाजा आये दिन दुर्घटनाओं के रूप में सामने आ रही हैं।
नौतनवा क्षेत्र से वाहन एक कतार में चलते हैं।मगर सोनौली क्षेत्र में आते ही दो या तीन कतारों में तब्दील हो जाती है। यहां कतार से आगे निकलने में ओवरटेंकिग की रेस हादसों में तब्दील हो जा रही है। मात्र तीन किलोमीटर की दूरी में पिछले एक वर्ष में परमानन्द की तरह चार लोगों की मौत हो गयी और दो दर्जन से अधिक लोगों को गंभीर चोटे आयी है। सवाल यह उठ रहा है कि इस महज तीन किलोमीटर की दूरी में हो रहे सड़क हादसों का वास्तविक जिम्मेदार कौन है? क्या यहां पुलिस के यातायात नियमों का डंडा सिर्फ वसूली के लिये ही चलता है। बतादें कि यातायात नियमों आड़ में मालवाहक वाहनों से वसूली करने के आरोप में तात्कालिक पुलिस क्षेत्राधिकार पंकज कुमार सिंह व कोतवाल समेत पांच पुलिस कर्मियों पर मुकदमा तथा निलंबन जैसी कार्रवाई हो चुकी है। बावजूद इसके सोनौली में यातायात नियमों के नाम पर हो रही वसूली, कहीं न कहीं हादसों और निर्दोष राहगीरों के मौत का कारण बन रही है। लोगों में भी आक्रोश के स्वर मुखर हो रहे हैं। आरोप लगने शुरु हो गये हैं कि सोनौली पुलिस द्वारा चलाया जा रहा यातायात नियमो का डंडा खूनी हो चला है।