मुख्यमंत्री को पूर्व सांसद ने अमरमणि के विधायक निधि के भ्रष्टाचार की भेजी शिकायत—-
समय सीमा र्निंधारित करके दोषियों के विरुद्ध जाच करा कर कार्यवाही की मांग—————-
आई एन न्यूज सोनौली डेस्क /महराजगंज
विगत 5 दिनों में मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाए जाने की संकल्प के पश्चात
भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले को आज प्रेषित करने के उपरान्त शुक्रवार को नौतनवा मे पत्तकारो से बात चीत करते हुए कुंवर अखिलेश सिंह सपा के पूर्व सांसद महराजगंज ने कहा कि तत्कालीन लक्ष्मीपुर विधान सभा जनपद महाराजगंज के पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी द्वारा नौतनवा ब्लाक में श्रीमती पद्मिनी चौधरी कन्या जूनियर हाई स्कूल तरैनी परसा मलिक जनपद महाराजगंज को वित्तीय वर्ष 2009-10 में भवन निर्माण हेतू विधायक निधि से बारह लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई । दिनांक 20 -3- 2010 में सात लाख बीस हजार की धनराशि प्रथम किस्त के रुप में विद्यालय के प्रबंधक अजीत मणि त्रिपाठी पुत्र कृष्ण मणि त्रिपाठी के नाम अवमुक्त किया गया । अजीत मणि त्रिपाठी ने श्रीमती पद्मिनी चौधरी शिक्षा समिति (तरेनी) परशामलिक जनपद महाराजगंज नामक संस्था की इस स्मृतपत्र तथा नियमावली प्रेषित किया है उस पर पत्रावली संख्या जी- 37725 पर पंजीकृत होना दिखाया है । सहायक रजिस्ट्रार फर्म सोसाइटीज तथा चिट्स गोरखपुर ने अपने पत्र संख्या 3423 विविध /गोरखपुर /2012 – 13 दिनांक 12 अक्टूबर 2012 के माध्यम से परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अभिकरण जनपद महाराजगंज को अवगत कराया है की पत्रावली संख्या जी 37725 पर जन जागरण समिति गोरखपुर की संस्था पंजीकृत है। श्रीमती पद्मिनी चौधरी उक्त पत्रावली संख्या पर शिक्षा समिति तरैनी (परसा मलिक) जनपद महाराजगंज पंजीकृत नहीं है । प्रेषित स्मृति पत्र तथा नियमावली पर किए गए हस्ताक्षर फर्जी हैं।
उन्होने कहा कि नौतनवा विधानसभा क्षेत्र के निवर्तमान विधायक कुवर कौशल सिंह ने जब उक्त प्रकरण की जांच कराया तो अजीत मणि त्रिपाठी पुत्र श्री कृष्ण नारायण त्रिपाठी प्रबंधक श्रीमती पद्मिनी चौधरी कन्या जुनियर हाईस्कूल तरैनी परसा मलिक स्थाई निवासी 19 ए हुमायुपुर दक्षिणी गोरखपुर से रुपया सात लाख बीस हजार नियमानुसार ब्याज सहित भू राजस्व के बकाए की भांति वसूली कराकर धनराशि विधायक निधि के खाते में 30 दिन के अंदर जमा कराने का आदेश दिनांक 8 नवंबर 2012 को परियोजना निदेशक महाराजगंज ने दिया।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि यह प्रकरण मात्र वसूली का नहीं है अजीत मणि त्रिपाठी ने तत्कालीन जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अधिकारियों व अपने बड़े भाई अमरमणि से मिलकर कूच रचित ढंग से विधायक निधि के धन का आहरण किया ।
उन्होने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि संपूर्ण प्रकारण की समय सीमा निर्धारित करके दोषियों के विरुद्ध जांच कराकर संवैधानिक कार्यवाही करने का कष्ट करें ।